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- Create Date November 10, 2023
- Last Updated November 14, 2023
Srilalitambaparameshwarastutih
श्रीललिताम्बापरमेश्वरस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव और देवी पार्वती की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में विभाजित है। प्रत्येक श्लोक में, स्तोत्रकार भगवान शिव और देवी पार्वती की एक विशेष गुण या विशेषता की स्तुति करते हैं।
श्रीललिताम्बापरमेश्वरस्तुति का हिंदी अनुवाद निम्नलिखित है:
श्लोक 1
"मैं भगवान शिव और देवी पार्वती की स्तुति करता हूं। वे दोनों ही अद्वितीय हैं और एक दूसरे के पूरक हैं।"
श्लोक 2
"भगवान शिव, आप समस्त ब्रह्मांड के स्वामी हैं। आप सभी देवताओं और ऋषियों के द्वारा पूजनीय हैं।"
श्लोक 3
"देवी पार्वती, आप समस्त ब्रह्मांड की माता हैं। आप सभी प्राणियों की रक्षक हैं।"
श्लोक 4
"भगवान शिव, आप सर्वशक्तिमान हैं। आप सभी दुखों को दूर करने वाले हैं।"
श्लोक 5
"देवी पार्वती, आप सर्वज्ञ हैं। आप सभी ज्ञान का भंडार हैं।"
श्लोक 6
"भगवान शिव, आप अत्यंत सुंदर हैं। आपके दर्शन मात्र से भक्तों के सभी पाप दूर हो जाते हैं।"
श्लोक 7
"देवी पार्वती, आप अत्यंत दिव्य हैं। आपके दर्शन मात्र से भक्तों को मोक्ष प्राप्त होता है।"
Srilalitambaparameshwarastutih
श्लोक 8
"भगवान शिव, आप समस्त भक्तों के लिए सर्वोच्च आराध्य हैं। आप सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।"
श्लोक 9
"देवी पार्वती, आप सभी भक्तों की माता हैं। आप सभी भक्तों को अपने आशीर्वाद से परिपूर्ण करती हैं।"
श्लोक 10
"मैं भगवान शिव और देवी पार्वती की स्तुति करता हूं। मैं हमेशा उनकी कृपा प्राप्त करना चाहता हूं।"
श्रीललिताम्बापरमेश्वरस्तुति एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान शिव और देवी पार्वती की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। यह स्तोत्र सभी भक्तों के लिए उपयोगी है, चाहे उनकी कोई भी धार्मिक मान्यता हो।
श्रीललिताम्बापरमेश्वरस्तुति का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:**
- भगवान शिव और देवी पार्वती की कृपा प्राप्त होती है।
- पापों से मुक्ति प्राप्त होती है।
- मोक्ष प्राप्त होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति होती है।
श्रीललिताम्बापरमेश्वरस्तुति का पाठ नियमित रूप से करने से भगवान शिव और देवी पार्वती की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।
श्रीललिताम्बापरमेश्वरस्तुति का पाठ करने से पहले, निम्नलिखित तैयारी करनी चाहिए:
- शुद्ध स्थान और समय चुनें।
- स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
- भगवान शिव और देवी पार्वती का ध्यान करें।
श्रीललिताम्बापरमेश्वरस्तुति का पाठ करने के बाद, निम्नलिखित क्रियाएं करें:
- भगवान शिव और देवी पार्वती का धन्यवाद करें।
- मन में भगवान शिव और देवी पार्वती का ध्यान करें।
- किसी भी मनोकामना के लिए प्रार्थना करें।
श्रीललिताम्बापरमेश्वरस्तुति का पाठ करने से भगवान शिव और देवी पार्वती की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।
श्रीविश्वनाथ सुप्रभातं Sri Vishwanath Suprabhatam
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