- Version
- Download 660
- File Size 0.00 KB
- File Count 1
- Create Date October 9, 2023
- Last Updated October 9, 2023
श्रीलक्ष्मीस्तुति 2, भगवान विष्णु की पत्नी और धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी, श्रीमती लक्ष्मी की एक स्तुति है। यह स्तुति श्रीमती लक्ष्मी की महिमा और शक्ति का वर्णन करती है।
स्तुति के अनुसार, श्रीमती लक्ष्मी समस्त सृष्टि की स्वामिनी हैं। वे सभी सुखों और समृद्धि की देवी हैं। वे सभी देवताओं की अधिष्ठात्री देवी भी हैं।
स्तुति में, श्रीमती लक्ष्मी को विभिन्न नामों से संबोधित किया जाता है, जो उनकी विभिन्न शक्तियों और गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उदाहरण के लिए, उन्हें "धनलक्ष्मी" कहा जाता है, जो धन की देवी हैं। उन्हें "पुत्रलक्ष्मी" कहा जाता है, जो पुत्रों की देवी हैं। और उन्हें "ज्ञानलक्ष्मी" कहा जाता है, जो ज्ञान की देवी हैं।
श्रीलक्ष्मीस्तुति 2 एक शक्तिशाली स्तुति है जो श्रीमती लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए की जा सकती है। यह स्तुति धन, समृद्धि, सौभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति के लिए फायदेमंद है।
स्तुति का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:
श्रीलक्ष्मीस्तुति 2
अथ श्रीलक्ष्मीस्तुति 2
श्री कृष्ण उवाच
लक्ष्मी परमेश्वरी मूर्ति, त्रिभुवन जननी। सर्वदेवमयी देवी, साक्षात त्रिमूर्ति।
अर्थ:
हे लक्ष्मी देवी, आप सर्वोच्च शक्ति हैं। आप समस्त सृष्टि की जननी हैं। आप सभी देवताओं की अधिष्ठात्री देवी हैं। आप स्वयं त्रिमूर्ति हैं।
**धनलक्ष्मी सर्वदा, पुत्रलक्ष्मी नमोस्तुते। ज्ञानलक्ष्मी नमोस्तुते, धर्मलक्ष्मी नमोस्तुते।
अर्थ:
हे धनलक्ष्मी देवी, आपको मेरा प्रणाम है। हे पुत्रलक्ष्मी देवी, आपको मेरा प्रणाम है। हे ज्ञानलक्ष्मी देवी, आपको मेरा प्रणाम है। हे धर्मलक्ष्मी देवी, आपको मेरा प्रणाम है।
**आयुरारोग्य संपदा, सर्वकामना पूरय। महात्मा श्रीकृष्णेन, स्तुति लिखितं पुरा।
अर्थ:
हे देवी, मुझे आयु, आरोग्य और समृद्धि प्रदान करें। मेरी सभी मनोकामनाएं पूरी करें। महात्मा श्रीकृष्ण ने इस स्तुति को पूर्व में लिखा था।
इति श्रीलक्ष्मीस्तुति 2 समाप्तम्।
स्तुति का पाठ करने की विधि:
इस स्तुति का पाठ करने के लिए, सबसे पहले एक साफ और शांत स्थान चुनें। फिर, एक आसन पर बैठें और अपने सामने एक श्रीमती लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र रखें। अब, हाथ में एक माला लें और स्तुति का पाठ शुरू करें। स्तुति का पाठ करते समय, श्रीमती लक्ष्मी के प्रति पूर्ण श्रद्धा और भक्ति रखें।
स्तुति का पाठ करने का सबसे अच्छा समय शुक्रवार है। आप इसे किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन सुबह जल्दी या शाम को सूर्यास्त के समय करना सबसे अच्छा माना जाता है।
स्तुति का पाठ करने से पहले, स्नान करके स्वच्छ हो जाएं। फिर, साफ कपड़े पहनें और एक पवित्र स्थान पर जाएं। वहां, एक आसन पर बैठें और अपने सामने एक श्रीमती लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र रखें। अब, अपने हाथों में एक माला लें और स्तुति का पाठ शुरू करें। स्तुति का पाठ करते समय, श्रीमती लक्ष्मी के प्रति पूर्ण श्रद्धा और भक्ति रखें।
स्तुति का पाठ करने के बाद, श्रीमती लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र को प्रसाद अर्पित करें। आप फूल, धूप, दीप, फल और मिठाई आदि अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद, श्रीमती लक्ष्मी से अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करें।
स्तुति का पाठ करने से श्रीमती लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तुति धन, समृद्धि, सौभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति के लिए फायदेमंद है।
Download