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  • Create Date November 8, 2023
  • Last Updated November 8, 2023

Shriramlingashtakam

श्रीरामलिंगाशतकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक रूप, रामलिंग की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक भगवान शिव के एक विशेष गुण या स्वरूप की प्रशंसा करता है।

स्तोत्र का प्रारंभिक श्लोक भगवान शिव के रूप, रामलिंग की घोषणा करता है:

रामलिंगं देवदेवं महेश्वरं त्रिलोचनम् । सर्वलोकनाथं शम्भुं शिवं शरणं प्रपद्ये ॥ १ ॥

अर्थ:

रामलिंग, देवों के देव, महेश्वर, त्रिलोचन, सर्वलोकनाथ, शम्भु, शिव, मैं आपकी शरण में आता हूं।

अगले श्लोकों में, स्तोत्र भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों की प्रशंसा करता है। उदाहरण के लिए, एक श्लोक में, स्तोत्र भगवान शिव को सृष्टिकर्ता के रूप में प्रशंसा करता है:

सृष्टिकर्ता पालककर्ता संहारकर्ता च । रामलिंगं शरणं प्रपद्ये ॥ २ ॥

अर्थ:

सृष्टिकर्ता, पालककर्ता, और संहारकर्ता, रामलिंग, मैं आपकी शरण में आता हूं।

एक अन्य श्लोक में, स्तोत्र भगवान शिव को भक्तों के रक्षक के रूप में प्रशंसा करता है:

दुष्टानां भयं हर्ता भक्तानां रक्षकः । रामलिंगं शरणं प्रपद्ये ॥ ३ ॥

अर्थ:

दुष्टों का भय दूर करने वाले, भक्तों के रक्षक, रामलिंग, मैं आपकी शरण में आता हूं।

स्तोत्र का अंतिम श्लोक भगवान शिव की शरण में आने की प्रार्थना करता है:

रामलिंगस्य भक्त्या यः पठेत् रामलिंगस्तवम् । रामलिंग प्रसादेन सर्वकामार्थसिद्धये ॥ ८ ॥

अर्थ:

जो भक्तिपूर्वक रामलिंग स्तोत्र का पाठ करता है, उसे रामलिंग की कृपा से सभी कामनाओं की सिद्धि होती है।

श्रीरामलिंगाशतकम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र अक्सर प्रार्थना और ध्यान में किया जाता है।

Shriramlingashtakam

श्रीरामलिंगाशतकम् के प्रमुख प्रसंग:

  • स्तोत्र का प्रारंभिक श्लोक भगवान शिव के रूप, रामलिंग की घोषणा करता है।
  • स्तोत्र के अगले श्लोक भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों की प्रशंसा करते हैं।
  • स्तोत्र का अंतिम श्लोक भगवान शिव की शरण में आने की प्रार्थना करता है।

श्रीरामलिंगाशतकम् के लाभ:

  • इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
  • यह स्तोत्र सभी कामनाओं की सिद्धि के लिए सहायक है।
  • यह स्तोत्र मानसिक शांति और समृद्धि प्रदान करता है।

श्रीरामलिंगाशतकम् के लेखक अज्ञात हैं। यह स्तोत्र प्राचीन काल से प्रचलित है।

श्रीरामलिंगाशतकम् का सार:

श्रीरामलिंगाशतकम् भगवान शिव के रूप, रामलिंग की महिमा का वर्णन करता है। यह श्लोक उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं। यह श्लोक भगवान शिव को प्रसन्न करता है और उनकी कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।


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