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  • Create Date October 11, 2023
  • Last Updated October 11, 2023

श्रीत्रिपदपंकजष्टक एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गणेश की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 छंदों में विभाजित है, और प्रत्येक छंद में भगवान गणेश की एक अलग विशेषता की स्तुति की जाती है।

श्रीत्रिपदपंकजष्टक की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार हैं:

ओम, भगवान गणेश, आप तीन पैरों वाले हैं। आप ज्ञान और बुद्धि के देवता हैं। आप हमें सभी बाधाओं से दूर रखते हैं। आप हमें सफलता प्राप्त करने में मदद करते हैं।

आप हमें ज्ञान और समृद्धि प्रदान करते हैं। आप हमारे जीवन को आनंद और शांति से भर देते हैं।

श्रीत्रिपदपंकजष्टक का पाठ करने से ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सफलता की शक्ति प्राप्त होती है। यह स्तोत्र सभी के लिए लाभकारी है, चाहे उनकी कोई भी जाति, धर्म या विश्वास हो।

श्रीत्रिपदपंकजष्टक का पाठ करने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. एक स्वच्छ स्थान पर बैठ जाएं।
  2. अपने हाथों को जोड़कर भगवान गणेश को प्रणाम करें।
  3. स्तोत्र को ध्यान से पढ़ें या सुनें।
  4. स्तोत्र को कम से कम तीन बार पढ़ें।
  5. अंत में, भगवान गणेश से अपनी इच्छाओं को पूरा करने की प्रार्थना करें।

श्रीत्रिपदपंकजष्टक का पाठ नियमित रूप से करने से ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सफलता की शक्ति प्राप्त होती है।

यहाँ श्रीत्रिपदपंकजष्टक का एक उदाहरण है:

ओम, भगवान गणेश, आप तीन पैरों वाले हैं। आप ज्ञान और बुद्धि के देवता हैं। आप हमें सभी बाधाओं से दूर रखते हैं। आप हमें सफलता प्राप्त करने में मदद करते हैं। आप हमें ज्ञान और समृद्धि प्रदान करते हैं। आप हमारे जीवन को आनंद और शांति से भर देते हैं। हम आपके चरणों में नतमस्तक हैं, ओम श्रीत्रिपदपंकजष्टक।

आप अपनी भाषा और शब्दों का उपयोग करके श्रीत्रिपदपंकजष्टक कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप भगवान गणेश की स्तुति करें और उनसे ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने की प्रार्थना करें।

श्रीत्रिपदपंकजष्टक की रचना 12वीं शताब्दी के कवि और दार्शनिक श्रीमदभागवत के रचयिता श्रीजयदेव ने की थी। यह स्तोत्र भगवान गणेश की सबसे लोकप्रिय स्तुतियों में से एक है।


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