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  • Create Date October 30, 2023
  • Last Updated October 30, 2023

श्रीमंगिरिसाशतकम् एक संस्कृत श्लोकों की एक श्रृंखला है जो श्रीमंगिरि मंदिर के देवता, भगवान गणेश की स्तुति करती है। यह शतक 13वीं शताब्दी के कवि, श्रीमंगिरि तीर्थ के नाम पर है।

श्लोकों की श्रृंखला भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करती है। वे भगवान को बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि का देवता के रूप में दर्शाते हैं। श्लोकों में भगवान गणेश की विभिन्न विशेषताओं और गुणों की भी प्रशंसा की जाती है।

श्रीमंगिरिसाशतकम् एक लोकप्रिय हिंदू भक्ति पाठ है। यह भारत भर के मंदिरों और घरों में पढ़ा जाता है।

श्रीमंगिरिसाशतकम् के कुछ श्लोकों का अनुवाद इस प्रकार है:

  • श्लोक 1:

हे गणेश, आप बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं। आप हमें सभी बाधाओं से दूर रखते हैं। आप हमें सफलता और समृद्धि प्रदान करते हैं।

  • श्लोक 2:

आपके बड़े पेट में सभी ब्रह्मांड समाहित हैं। आपके चार हाथों में सभी शक्तियाँ हैं। आप सभी देवताओं के स्वामी हैं।

  • श्लोक 3:

आप सभी पापों को नष्ट करते हैं। आप हमें मोक्ष की प्राप्ति में मदद करते हैं। आप हमारे गुरु और मार्गदर्शक हैं।

श्रीमंगिरिसाशतकम् एक शक्तिशाली भक्ति पाठ है जो भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह पाठ भक्तों को ज्ञान, समृद्धि और मोक्ष प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

यहाँ श्रीमंगिरिसाशतकम् के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:

  • यह एक संस्कृत श्लोकों की एक श्रृंखला है जो श्रीमंगिरि मंदिर के देवता, भगवान गणेश की स्तुति करती है।
  • यह शतक 13वीं शताब्दी के कवि, श्रीमंगिरि तीर्थ के नाम पर है।
  • श्लोकों की श्रृंखला भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करती है।
  • वे भगवान को बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि का देवता के रूप में दर्शाते हैं।
  • श्लोकों में भगवान गणेश की विभिन्न विशेषताओं और गुणों की भी प्रशंसा की जाती है।
  • श्रीमंगिरिसाशतकम् एक लोकप्रिय हिंदू भक्ति पाठ है। यह भारत भर के मंदिरों और घरों में पढ़ा जाता है।

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