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  • Create Date October 7, 2023
  • Last Updated October 7, 2023

श्रीमहागणपतिपञ्चकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गणेश की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 13वीं शताब्दी के कवि और संत, नारायणभट्ट द्वारा लिखा गया था। नारायणभट्ट, एक प्रमुख वैष्णव संत थे, जिन्होंने रामानुज संप्रदाय में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। श्रीमहागणपतिपञ्चकम् को रामानुज संप्रदाय में एक महत्वपूर्ण स्तोत्र माना जाता है।

श्रीमहागणपतिपञ्चकम् के कुछ लाभों में शामिल हैं:

  • भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करना
  • सभी बाधाओं को दूर करना
  • सभी पापों को दूर करना
  • सभी प्रकार के धन और समृद्धि प्राप्त करना
  • सभी शत्रुओं को पराजित करना
  • आध्यात्मिक प्रगति करना
  • सफलता और खुशी प्राप्त करना

श्रीमहागणपतिपञ्चकम् को रोजाना पढ़ने या सुनने से कहा जाता है, विशेष रूप से कठिन समय में। यह स्तोत्र लोगों को आध्यात्मिक प्रगति करने, अपने जीवन में बाधाओं को दूर करने और सफलता और खुशी प्राप्त करने में मदद करने के लिए कहा जाता है।

श्रीमहागणपतिपञ्चकम् के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • यह स्तोत्र भगवान गणेश की सभी शक्तियों और गुणों की प्रशंसा करता है।
  • यह स्तोत्र भगवान गणेश से अपने जीवन में बाधाओं को दूर करने, सभी पापों को दूर करने, सभी प्रकार के धन और समृद्धि प्राप्त करने, सभी शत्रुओं को पराजित करने, आध्यात्मिक प्रगति करने और सफलता और खुशी प्राप्त करने की प्रार्थना करता है।
  • यह स्तोत्र लोगों को आध्यात्मिक प्रगति करने, अपने जीवन में बाधाओं को दूर करने और सफलता और खुशी प्राप्त करने में मदद करने के लिए कहा जाता है।

श्रीमहागणपतिपञ्चकम् का पाठ इस प्रकार है:

श्रीमहागणपतिपञ्चकम्

  1. नमस्ते नमस्ते महागणपते सर्वसिद्धिप्रदायक वरदायक

  2. त्रिगुणात्मकं त्रिलोचनं त्रिशूलधारि सर्वशत्रुविनाशकरं नमस्ते

  3. एकदन्तं चतुर्भुजं लंबोदरं सुमुखं सुरवरं नमस्ते

  4. धूम्रवर्णं गजाननं लम्बोदरं विघ्नविनाशनं नमस्ते

  5. वरदकरं सर्वसिद्धिप्रदं सर्वलोकैकनाथं नमस्ते

अनुवाद:


  1. हे महागणेश, मैं आपको नमस्कार करता हूं आप सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाले और वरदान देने वाले हैं

  2. आप तीन गुणों से युक्त हैं, तीन नेत्र हैं और त्रिशूल धारण करते हैं आप सभी शत्रुओं का नाश करने वाले हैं, मैं आपको नमस्कार करता हूं

  3. आप एक दांत वाले, चार भुजा वाले, लंबोदर हैं आप सुंदर हैं और देवताओं के स्वामी हैं, मैं आपको नमस्कार करता हूं

  4. आप धूम्रवर्ण के, गजानन हैं और लंबोदर हैं आप विघ्नों का नाश करने वाले हैं, मैं आपको नमस्कार करता हूं

  5. आप वर देने वाले हैं, सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाले हैं आप सभी लोकों के एकमात्र स्वामी हैं, मैं आपको नमस्कार करता हूं


इस स्तोत्र में, नारायणभट्ट भगवान गणेश की सभी शक्तियों और गुणों की प्रशंसा करते हैं। वे भगवान गणेश से अपने जीवन में बाधाओं को दूर करने, सभी पापों को दूर करने, सभी प्रकार के धन और समृद्धि प्राप्त करने, सभी शत्रुओं को पराजित करने, आध्यात्मिक प्रगति करने और सफलता और खुशी प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।

श्रीमहागणपतिपञ्चकम् एक शक्तिशाली साधन है जो लोगों को अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद कर सकता है। यदि आप इस स्तोत्र का नियमित रूप से उपयोग करते हैं, तो आप आशा कर सकते हैं कि आप अपने जीवन में सफलता, खुशी और कल्याण


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