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- Create Date November 17, 2023
- Last Updated November 17, 2023
Shrimalhanikareshwarstutih
(श्रीशृङ्गगिरौ - श्रीभवानीमलहानिकरेश्वरकल्याणोत्सवे )श्रीभवानीमलहानिकरेश्वरकल्याणोत्सवे
स्वग्रामगमनवाच्छा सर्वेषां प्रकृतिसिद्धा हि ।
काशीयात्रा तस्मात्काशीश तवैव खलु युक्ता ॥ १॥
शीर्षान्मुक्ताहारव्याजात्स्वर्गापगा शम्भोः ।
गङ्गाधर विस्रस्ता नृत्यं किमु कुर्वतस्तवेशान ॥ २॥
शरदिन्दुसोदरमुखं करनिर्जितपङ्कजं कृपाम्भोधिम् ।कृपाम्भोधिम्
त्वां पश्यन्तं मामिह क्षुत्तृष्णे नैव बाधेते ॥ ३॥
सर्वाङ्गसुन्दर विभो करुणामृतपूरपूरितापङ्ग ।
त्वां चक्षुषी ममेमे न त्यजतः किं करोमि वद शम्भो ॥ ४॥
श्रीमल्लारिकवचम् Srimallarikavacham
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