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  • Create Date October 10, 2023
  • Last Updated October 10, 2023

श्रीमदराधाशतकम 2 एक संस्कृत भजन है जो राधा के रूप और गुणों का वर्णन करता है। यह भजन 16वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि वल्लभाचार्य द्वारा लिखा गया था।

श्रीमदराधाशतकम 2 के दस श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक में राधा के रूप और गुणों के एक अलग पहलू का वर्णन किया गया है।

श्रीमदराधाशतकम 2 का पहला श्लोक इस प्रकार है:

मुरलीधरस्य भुजगेशस्य, मुक्ताहारस्य प्रियस्य, कृष्णस्य प्रियसखी राधा, सदैव मनसि मे भव।

इस श्लोक में, वल्लभाचार्य कहते हैं कि राधा हमेशा उनके मन में रहती हैं। वे राधा को कृष्ण की प्रियतमा के रूप में देखते हैं, और वे राधा के रूप और गुणों की प्रशंसा करते हैं।

श्रीमदराधाशतकम 2 के सभी दस श्लोकों का अर्थ है:

  • श्लोक 1: राधा कृष्ण की प्रियतमा हैं।
  • श्लोक 2: राधा एक सुंदर और आकर्षक युवती हैं।
  • श्लोक 3: राधा एक दयालु और करुणामयी हैं।
  • श्लोक 4: राधा एक बुद्धिमान और ज्ञानी हैं।
  • श्लोक 5: राधा एक शक्तिशाली और साहसी हैं।
  • श्लोक 6: राधा एक समर्पित और भक्त हैं।
  • श्लोक 7: राधा एक आदर्श प्रेमी हैं।
  • श्लोक 8: राधा एक आदर्श पत्नी हैं।
  • श्लोक 9: राधा एक आदर्श मां हैं।
  • श्लोक 10: राधा एक आदर्श नारी हैं।

श्रीमदराधाशतकम 2 एक शक्तिशाली भक्ति भजन है जो भक्तों के दिलों में राधा के लिए प्रेम और भक्ति को जगा सकता है। यह भजन राधा के रूप और गुणों की प्रशंसा करता है, और उन्हें एक आदर्श महिला के रूप में चित्रित करता है।

श्रीमदराधाशतकम 2 के 10 श्लोकों का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:

  1. मुरली बजाने वाले कृष्ण की, गले में सर्पों की माला वाले कृष्ण की, और मुक्ताहार पहने हुए कृष्ण की, प्रियतमा राधा, हमेशा मेरे मन में रहो।

  2. राधा एक सुंदर और आकर्षक युवती हैं। उनका चेहरा चंद्रमा की तरह उज्ज्वल है, और उनकी आंखें कमल की तरह सुंदर हैं।

  3. राधा एक दयालु और करुणामयी हैं। वे दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं।

  4. राधा एक बुद्धिमान और ज्ञानी हैं। वे दुनिया के रहस्यों को समझती हैं।

  5. राधा एक शक्तिशाली और साहसी हैं। वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

  6. राधा एक समर्पित और भक्त हैं। वे कृष्ण के प्रति अपने प्रेम और भक्ति में पूरी तरह से डूबी हुई हैं।

  7. राधा एक आदर्श प्रेमी हैं। वे कृष्ण के लिए अपना सब कुछ दे देती हैं।

  8. राधा एक आदर्श पत्नी हैं। वे कृष्ण की हर इच्छा को पूरा करती हैं।

  9. राधा एक आदर्श मां हैं। वे अपने बच्चों को प्यार और देखभाल करती हैं।

  10. राधा एक आदर्श नारी हैं। वे सभी गुणों का समन्वय करती हैं।


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