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  • Create Date November 2, 2023
  • Last Updated November 2, 2023

श्रीमद्भगवद्गीता एक हिंदू आध्यात्मिक ग्रंथ है जो महाभारत के भीष्मपर्व का एक भाग है। यह महाभारत युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण द्वारा अपने शिष्य अर्जुन को दिया गया एक संवाद है। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं।

गीता में, भगवान कृष्ण अर्जुन को जीवन के अर्थ, उद्देश्य और मोक्ष के बारे में सिखाते हैं। वे अर्जुन को बताते हैं कि जीवन एक संघर्ष है, और हमें अपने कर्तव्यों को निभाते हुए इस संघर्ष में भाग लेना चाहिए। वे अर्जुन को कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग और ध्यान के माध्यम से मोक्ष प्राप्त करने के बारे में भी सिखाते हैं।

Shrimad Bhagvad

गीता को हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक माना जाता है। यह एक अमूल्य आध्यात्मिक मार्गदर्शक है जो दुनिया भर के लोगों को प्रेरित और मार्गदर्शन करता है।

श्रीमद्भगवद्गीता के कुछ प्रमुख विषयों में शामिल हैं:

  • कर्मयोग: कर्मयोग का अर्थ है अपने कर्तव्यों को निभाते हुए, बिना किसी फल की इच्छा के कर्म करना। गीता में, भगवान कृष्ण कर्मयोग को मोक्ष प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका बताते हैं।
  • ज्ञानयोग: ज्ञानयोग का अर्थ है आत्मज्ञान प्राप्त करना। गीता में, भगवान कृष्ण अर्जुन को बताते हैं कि आत्मज्ञान ही जीवन का वास्तविक उद्देश्य है।
  • भक्तियोग: भक्तियोग का अर्थ है भगवान में पूर्ण समर्पण। गीता में, भगवान कृष्ण भक्तियोग को मोक्ष प्राप्त करने का सबसे सरल तरीका बताते हैं।
  • ध्यान: ध्यान का अर्थ है मन को एकाग्र करना। गीता में, भगवान कृष्ण ध्यान को आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए एक आवश्यक उपकरण बताते हैं।

श्रीमद्भगवद्गीता एक व्यापक और गहन ग्रंथ है जो जीवन के कई पहलुओं को कवर करता है। यह एक ऐसा ग्रंथ है जिसे बार-बार पढ़ा और समझा जा सकता है, और प्रत्येक बार यह हमें कुछ नया सिखाता है।

Shrimad Bhagvad

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