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  • Create Date November 18, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

Sri ParvatiSrikanthastotram

श्री पार्वती-श्रीकंठस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव और माता पार्वती की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव और माता पार्वती के प्रेम और समर्पण का वर्णन करता है।

स्तोत्र इस प्रकार है:

जय गिरिराज किशोरी! जय त्रिपुर सुंदरी! जय जय शिवशंकर! जय जय पार्वती!

सर्वेश्वरी! सर्वशक्ति! सर्वमंगलदायिनी! तुम ही हो सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति और संहार की कारण।

तुम ही हो त्रिगुणमयी, तुम ही हो त्रिशक्ति। तुम ही हो भक्तों की रक्षा करने वाली, तुम ही हो भक्तों की मुक्ति देने वाली।

हे पार्वती! हे शिव! तुम दोनों ही अद्वितीय हो, तुम दोनों ही परम सुंदर हो।

तुम दोनों ही परम ज्ञानी हो, तुम दोनों ही परम शक्तिशाली हो।

तुम दोनों ही परम करुणामय हो, तुम दोनों ही परम दयालु हो।

हे पार्वती! हे शिव! तुम दोनों ही मेरे आराध्य हो, तुम दोनों ही मेरे इष्ट देव हो।

मैं तुम्हारी शरण में हूं, मुझे अपनी कृपा करो।

इति श्री पार्वती-श्रीकंठस्तोत्रम्॥

Sri ParvatiSrikanthastotram

इस स्तोत्र के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती ही सृष्टि के सृजनकर्ता, पालनकर्ता और संहारकर्ता हैं। वे ही त्रिगुणमयी हैं, यानी सत्व, रज और तम। वे ही भक्तों की रक्षा करने वाले और भक्तों को मुक्ति देने वाले हैं।

यहां स्तोत्र के प्रत्येक श्लोक का अर्थ दिया गया है:

  • श्लोक 1: हे पार्वती! हे शिव! आप दोनों को जय हो।
  • श्लोक 2: हे पार्वती! हे शिव! आप दोनों ही सर्वशक्तिमान हैं। आप दोनों ही सभी प्रकार के मंगलों को प्रदान करते हैं।
  • श्लोक 3: हे पार्वती! हे शिव! आप ही सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति और संहार की कारण हैं।
  • श्लोक 4: हे पार्वती! हे शिव! आप ही त्रिगुणमयी हैं। आप ही सत्व, रज और तम की शक्ति हैं।
  • श्लोक 5: हे पार्वती! हे शिव! आप ही भक्तों की रक्षा करने वाली हैं। आप ही भक्तों को मुक्ति देने वाली हैं।
  • श्लोक 6: हे पार्वती! हे शिव! आप दोनों ही अद्वितीय हैं। आप दोनों ही परम सुंदर हैं।
  • श्लोक 7: हे पार्वती! हे शिव! आप दोनों ही परम ज्ञानी हैं। आप दोनों ही परम शक्तिशाली हैं।
  • श्लोक 8: हे पार्वती! हे शिव! आप दोनों ही परम करुणामय हैं। आप दोनों ही परम दयालु हैं।
  • श्लोक 9: हे पार्वती! हे शिव! आप दोनों ही मेरे आराध्य हैं। आप दोनों ही मेरे इष्ट देव हैं।
  • श्लोक 10: मैं आपकी शरण में हूं। मुझे अपनी कृपा करो।

श्री पार्वती-श्रीकंठस्तोत्रम् का पाठ करने के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह भक्त के जीवन में सभी प्रकार के सुख और समृद्धि प्रदान करता है।
  • यह भक्त के सभी कष्टों और दुखों को दूर करता है।
  • यह भक्त के सभी पापों और दोषों को नष्ट करता है।
  • यह भक्त को सभी सिद्धियों और मोक्ष प्रदान करता है।

यदि आप भगवान शिव और माता पार्वती के भक्त हैं, तो आपको इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। यह आपको अपने जीवन में सभी प्रकार के लाभ प्रदान करेगा।

श्रीबटुकभैरवप्रातःस्मरणम् Sribatukabhairavaprathasmaranam


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