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  • Create Date October 27, 2023
  • Last Updated October 27, 2023

श्रीपार्थसारथीस्तोत्र एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण को एक आदर्श योद्धा के रूप में वर्णित करता है, जो सभी कठिनाइयों को दूर कर सकते हैं। श्रीपार्थसारथीस्तोत्र की रचना महाभारत के महान कथाकार वेदव्यास जी द्वारा की गई थी।

श्रीपार्थसारथीस्तोत्र में 10 श्लोक हैं। प्रत्येक श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण की एक अलग विशेषता की स्तुति करते हैं।

प्रथम श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक आदर्श योद्धा के रूप में वर्णित करते हैं, जो सभी कठिनाइयों को दूर कर सकते हैं।

दूसरे श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक कुशल रणनीतिकार के रूप में वर्णित करते हैं, जो हमेशा सही निर्णय लेते हैं।

तीसरे श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में वर्णित करते हैं, जो सभी शत्रुओं को पराजित कर सकते हैं।

चौथे श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक दयालु और करुणामयी योद्धा के रूप में वर्णित करते हैं, जो हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं।

पाँचवें श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक ज्ञानी योद्धा के रूप में वर्णित करते हैं, जो सभी ज्ञान के स्रोत हैं।

छठे श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण को एक आध्यात्मिक योद्धा के रूप में वर्णित करते हैं, जो सभी जीवों को मुक्ति प्रदान कर सकते हैं।

सातवें श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें एक आदर्श योद्धा बनने में मदद करें।

आठवें श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन करते हैं।

नवें श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण के आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देते हैं।

दसवें श्लोक में, भक्त भगवान श्रीकृष्ण की जयजयकार करते हैं।

श्रीपार्थसारथीस्तोत्र एक शक्तिशाली भक्तिपूर्ण अभ्यास है जो भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के साथ एक गहरा आध्यात्मिक संबंध विकसित करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम और कृपा प्राप्त करने में भी मदद कर सकता है।

श्रीपार्थसारथीस्तोत्र के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:

Shriparthasarathistavah

  • यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण को एक आदर्श योद्धा के रूप में वर्णित करता है।
  • यह स्तोत्र एक शक्तिशाली भक्तिपूर्ण अभ्यास है।

यहाँ श्रीपार्थसारथीस्तोत्र के कुछ श्लोकों का अनुवाद दिया गया है:

श्लोक 1

अर्थ:

हे भगवान श्रीकृष्ण, आप एक आदर्श योद्धा हैं। आप सभी कठिनाइयों को दूर कर सकते हैं। आप हमेशा सही निर्णय लेते हैं। आप सभी शत्रुओं को पराजित कर सकते हैं। आप हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। आप सभी ज्ञान के स्रोत हैं। आप सभी जीवों को मुक्ति प्रदान कर सकते हैं।

श्लोक 2

अर्थ:

हे भगवान श्रीकृष्ण, आप एक कुशल रणनीतिकार हैं। आप हमेशा सही निर्णय लेते हैं। आप अपने शत्रुओं के मन को पढ़ सकते हैं। आप हमेशा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होते हैं।

श्लोक 3

अर्थ:

हे भगवान श्रीकृष्ण, आप एक शक्तिशाली योद्धा हैं। आपके पास सभी शक्तियां हैं। आप अपने शत्रुओं को एक झटके में पराजित कर सकते हैं। आप हमेशा अपने लोगों की रक्षा करते हैं।

श्रीपार्थसारथीस्तोत्र एक सुंदर और भावपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के साथ एक गहरी आध्यात्मिक संबंध विकसित करने में मदद कर सकता है।


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