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  • Create Date October 4, 2023
  • Last Updated October 4, 2023

श्रीपंचमुखी विरहनुमत्कवच एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र 21 श्लोकों का है, और प्रत्येक श्लोक भगवान हनुमान के एक अलग गुण या विशेषता की स्तुति करता है।

श्लोक का प्रारंभिक भाग भगवान हनुमान को "पंचमुखी" कहकर उनकी पहचान करता है, जो "पांच मुख वाले" का अर्थ है। फिर, श्लोक भगवान हनुमान के पांच रूपों की स्तुति करता है, जो हैं:

  • हनुमान: भगवान हनुमान का मूल रूप, जो वायु के पुत्र हैं।
  • नृसिंह: भगवान विष्णु का एक अवतार, जो एक शेर और एक आदमी के रूप में है।
  • गरुड़: भगवान विष्णु का वाहन, जो एक पक्षी है।
  • वराह: भगवान विष्णु का एक अवतार, जो एक सूअर के रूप में है।
  • हयग्रीव: भगवान विष्णु का एक अवतार, जो एक घोड़े के सिर वाला है।

श्लोक का अंत भगवान हनुमान से प्रार्थना के साथ होता है कि वे भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से बचाएं।

श्रीपंचमुखी विरहनुमत्कवच एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है। यह स्तोत्र भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से बचाता है और उन्हें जीवन में सफलता और उन्नति प्राप्त करने में मदद करता है।

श्रीपंचमुखी विरहनुमत्कवच का हिंदी अनुवाद

1.

ॐ नमो भगवते पञ्चवदनाय, सर्वशक्तिमानाय, वायुपुत्राय, रामदूताय, सर्वलोकपालकाय, सर्वपापनाशनाय, सर्वकार्यसिद्धिदायकाय, सर्वसौभाग्यदायकाय, नमः।

2.

पञ्चमुखी हनुमानजी, तुम हो प्रभु श्रीराम के दूत। तुम हो वायुपुत्र, तुम हो सर्वशक्तिमान।

3.

तुम हो सर्वलोकपाल, तुम हो सर्वपापनाशक। तुम हो सर्वकार्यसिद्धिदाता, तुम हो सर्वसौभाग्यदाता।

4.

तुम हो मेरा सर्वस्व, तुम हो मेरी आराध्य। तुम हो मेरे रक्षक, तुम हो मेरे मार्गदर्शक।

5.

मैं तुम्हारी शरण में हूं, तुम मुझे सभी कष्टों से बचाओ। तुम मुझे जीवन में सफलता और उन्नति प्रदान करो।

श्रीपंचमुखी विरहनुमत्कवच के लाभ

श्रीपंचमुखी विरहनुमत्कवच का पाठ करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  • भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है।
  • जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
  • कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।

यदि आप भगवान हनुमान की भक्ति करना चाहते हैं, तो आप श्रीपंचमुखी विरहनुमत्कवच का पाठ कर सकते हैं। यह एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।

श्रीपंचमुखी विरहनुमत्कवच का पाठ करने का तरीका

  • एक साफ और शांत स्थान पर बैठें।
  • अपने सामने एक भगवान हनुमान की तस्वीर या प्रतिमा रखें।
  • अपने हाथों को जोड़ें और भगवान हनुमान से प्रार्थना करें।
  • स्तोत्र का पाठ करें, ध्यान से प्रत्येक शब्द का उच्चारण करें।
  • स्तोत्र को कम से कम तीन बार करें।

श्रीपंचमुखी विरहनुमत्कवच का पाठ करने से आपको भगवान


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