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- Create Date November 14, 2023
- Last Updated November 14, 2023
Shripanchandishastakam
श्री पंचचण्डीष्टकम्
अर्थ:
हे देवी! आप ही सृष्टि, पालन और संहार की शक्ति हैं। आप ही समस्त ब्रह्मांड की अधिष्ठात्री हैं। आप ही सभी जीवों का उद्धार करती हैं।
आप ही त्रिदेवों की शक्ति हैं। आप ही ब्रह्मा, विष्णु और शिव का स्वरूप हैं। आप ही सभी देवताओं की आराधना का पात्र हैं।
आप ही ज्ञान, शक्ति और धन की देवी हैं। आप ही सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। आप ही भक्तों के कष्टों को दूर करती हैं।
हे देवी! आप ही परम शक्ति हैं। आप ही सर्वशक्तिमान हैं। आप ही सर्वव्यापी हैं। आप ही अनादि और अनंत हैं।
हे देवी! आप ही त्रिगुणात्मिका हैं। आप ही सत्व, रज और तम का स्वरूप हैं। आप ही सभी भवों से मुक्ति प्रदान करती हैं।
हे देवी! आप ही आदिशक्ति हैं। आप ही महाशक्ति हैं। आप ही सर्वमंगलदायिनी हैं। आप ही भक्तों के सर्वस्व हैं।
हे देवी! मैं आपका अनन्य भक्त हूं। कृपा करके मुझे अपनी कृपा से आच्छादित करें। मुझे सभी कष्टों से मुक्ति दिलाएं और मुझे सुख, समृद्धि और मोक्ष प्रदान करें।
श्री पंचचण्डीष्टकम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो देवी दुर्गा की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भक्तों को देवी दुर्गा के प्रति श्रद्धा और भक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
श्री पंचचण्डीष्टकम् के पाठ का लाभ:
- यह स्तोत्र भक्तों को देवी दुर्गा के प्रति श्रद्धा और भक्ति बढ़ाता है।
- यह स्तोत्र भक्तों को देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
- यह स्तोत्र भक्तों के सभी कष्टों को दूर करता है और उन्हें सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति कराता है।
Shripanchandishastakam
श्री पंचचण्डीष्टकम् का पाठ कैसे करें:
- इस स्तोत्र का पाठ किसी भी दिन, किसी भी समय किया जा सकता है।
- इस स्तोत्र का पाठ करते समय, देवी दुर्गा का ध्यान करना चाहिए।
- इस स्तोत्र का पाठ करने से पहले, देवी दुर्गा को गंगाजल से स्नान कराना चाहिए।
- इस स्तोत्र का पाठ करने के बाद, देवी दुर्गा को फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करना चाहिए।
श्री पंचचण्डीष्टकम् का पाठ करने से भक्तों को देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। इससे भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और उन्हें सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
श्री पंचचण्डीष्टकम् के रचयिता:
श्री पंचचण्डीष्टकम् के रचयिता अज्ञात हैं। यह स्तोत्र देवी दुर्गा की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भक्तों को देवी दुर्गा के प्रति श्रद्धा और भक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
श्रीपञ्चलिङ्गस्तोत्रम् Sripanchalingastotram
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