• Version
  • Download 766
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date October 7, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

श्रीधनलक्ष्मीस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो धन की देवी लक्ष्मी की स्तुति करता है। यह स्तोत्र देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी के रूप में प्रकट करता है।

श्रीधनलक्ष्मीस्तोत्रम् की रचना 12वीं शताब्दी के कवि और दार्शनिक वल्लभाचार्य ने की थी। यह स्तोत्र वल्लभाचार्य के भक्ति आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

श्रीधनलक्ष्मीस्तोत्रम् की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार हैं:

धनलक्ष्मी देवी, धन की देवी, तुमसे मैं प्रार्थना करता हूँ, मुझे धन और समृद्धि प्रदान करो।

तुम मेरे जीवन में सुख और शांति लाओ, और मुझे सभी कष्टों से मुक्त करो।

तुम मेरी सभी इच्छाओं को पूर्ण करो, और मुझे अपने आशीर्वाद से भर दो।

इस स्तोत्र में, भक्त देवी लक्ष्मी से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें धन, समृद्धि, और सुख-शांति प्रदान करें।

श्रीधनलक्ष्मीस्तोत्रम् का पाठ करने का सबसे अच्छा समय सुबह उठकर या रात को सोने से पहले होता है। इस स्तोत्र को पढ़ने के लिए कोई विशेष विधि नहीं है, लेकिन इसे ध्यानपूर्वक और श्रद्धापूर्वक पढ़ना चाहिए।

श्रीधनलक्ष्मीस्तोत्रम् की कुछ विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  • यह एक बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण स्तोत्र है।
  • यह स्तोत्र देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी के रूप में प्रकट करता है।
  • यह स्तोत्र भक्तों को धन, समृद्धि, और सुख-शांति प्राप्त करने में मदद करता है।

श्रीधनलक्ष्मीस्तोत्रम् का पाठ करने से भक्तों को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों तरह से लाभ होता है। यह स्तोत्र उन्हें धन, समृद्धि, और सुख-शांति प्राप्त करने में मदद करता है।

श्रीधनलक्ष्मीस्तोत्रम् के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  • धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • जीवन में सुख और शांति का आगमन होता है।
  • भक्तों को देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

श्रीधनलक्ष्मीस्तोत्रम् का पाठ नियमित रूप से करने से भक्तों को इन सभी लाभों की प्राप्ति होती है।


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *