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  • Create Date November 18, 2023
  • Last Updated November 18, 2023

Sri Chidambareshwarvandanastavah

श्री चिदंबरेश्वरवन्दनास्तव एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के चिदंबरेश्वर रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव की अनंत ज्ञान और शक्ति की महिमा का वर्णन करता है।

स्तोत्र इस प्रकार है:

नमस्ते चिदंबरेश्वर! नमस्ते शम्भो!नमस्ते रुद्ररूप! नमस्ते महेश्वर!

चिदंबरम में विराजमान!अनंत ज्ञान और शक्ति के स्वामी!

सर्वगुणसम्पन्न! सर्वशक्तिमान!सर्वज्ञानी! सर्वज्ञ! सर्वेश्वर!

नमो नमस्ते! नमो नमस्ते!नमस्ते चिदंबरेश्वर!

त्वं ज्ञानरूप! त्वं शक्तिरूप!त्वं करुणारूप! त्वं सत्यरूप!

त्वं ब्रह्मरूप! त्वं विष्णुरूप!त्वं रुद्ररूप! त्वं सदाशिवरूप!

नमो नमस्ते! नमो नमस्ते!नमस्ते चिदंबरेश्वर!

त्वं सर्वलोकपाल! त्वं सर्वशत्रुविनाशक!त्वं सर्वपापनाशक! त्वं सर्वसुखप्रद!

त्वं सर्वसिद्धिदायक! त्वं मोक्षदायक!त्वं सर्वदेवताओं में श्रेष्ठ!

नमो नमस्ते! नमो नमस्ते!नमस्ते चिदंबरेश्वर!

इति श्री चिदंबरेश्वरवन्दनास्तव॥

Sri Chidambareshwarvandanastavah

इस स्तोत्र के अनुसार, भगवान चिदंबरेश्वर अनंत ज्ञान और शक्ति के स्वामी हैं। वे ब्रह्मांड के सभी देवताओं में श्रेष्ठ हैं। वे सभी प्रकार के पापों को नष्ट करने वाले हैं। वे सभी प्रकार के सुखों को देने वाले हैं। वे सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाले हैं। वे मोक्ष के द्वार खोलने वाले हैं।

यहां स्तोत्र के प्रत्येक श्लोक का अर्थ दिया गया है:

  • श्लोक 1: हे चिदंबरेश्वर! आपको नमस्कार है, हे शंभो! आपको नमस्कार है, हे रुद्ररूप! आपको नमस्कार है, हे महेश्वर!
  • श्लोक 2: आप चिदंबरम में विराजमान हैं। आप अनंत ज्ञान और शक्ति के स्वामी हैं।
  • श्लोक 3: आप सभी गुणों से सम्पन्न हैं, आप सर्वशक्तिमान हैं, आप सर्वज्ञानी हैं, आप सर्वज्ञ हैं, आप सर्वेश्वर हैं।
  • श्लोक 4: आपको बार-बार नमस्कार है, आपको बार-बार नमस्कार है, हे चिदंबरेश्वर!
  • श्लोक 5: आप ज्ञान के रूप हैं, आप शक्ति के रूप हैं, आप करुणा के रूप हैं, आप सत्य के रूप हैं।
  • श्लोक 6: आप ब्रह्मा के रूप हैं, आप विष्णु के रूप हैं, आप रुद्र के रूप हैं, आप सदाशिव के रूप हैं।
  • श्लोक 7: आपको बार-बार नमस्कार है, आपको बार-बार नमस्कार है, हे चिदंबरेश्वर!
  • श्लोक 8: आप सभी लोकों के पालक हैं, आप सभी शत्रुओं का नाश करने वाले हैं, आप सभी पापों का नाश करने वाले हैं, आप सभी प्रकार के सुखों को देने वाले हैं।
  • श्लोक 9: आप सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाले हैं, आप मोक्ष को देने वाले हैं, आप सभी देवताओं में श्रेष्ठ हैं।
  • श्लोक 10: आपको बार-बार नमस्कार है, आपको बार-बार नमस्कार है, हे चिदंबरेश्वर!

श्री चिदंबरेश्वरवन्दनास्तव का पाठ करने से भक्त को अनंत ज्ञान और शक्ति की प्राप्ति होती है। यह भक्त के सभी पापों को नष्ट करता है और उसे सभी प्रकार के सुखों और सिद्धियों को प्रदान करता है। यह भक्त को मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर करता है।

श्रीदक्षिणामूर्ति नवरत्नमालिकास्तोत्रम् Sridakshinamurthy navaratnamalikastotram


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