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- Create Date November 22, 2023
- Last Updated July 29, 2024
Srigopalasahasranamastotram
श्रीगोपाल सहस्रनाम स्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण के 1000 नामों का वर्णन करता है।
स्तोत्र के प्रारंभ में, पार्वती देवी भगवान शिव से पूछती हैं कि वे किस स्तोत्र का पाठ करते हैं। भगवान शिव उन्हें बताते हैं कि वे श्रीगोपाल सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करते हैं। यह स्तोत्र बहुत ही शक्तिशाली है और यह भक्तों को कई लाभ प्रदान करता है।
स्तोत्र में कृष्ण के नामों का वर्णन उनके विभिन्न गुणों और कार्यों के आधार पर किया गया है। उदाहरण के लिए, कृष्ण को "गोपाल" कहा जाता है क्योंकि वे गौओं के चरवाहे थे। उन्हें "मुरलीधर" कहा जाता है क्योंकि वे हमेशा एक मुरली बजाते थे।
स्तोत्र का अंत इस प्रकार है:
इति श्रीगोपाल सहस्रनाम स्तोत्रं संपूर्णम्
Srigopalasahasranamastotram
यः पठेत् स एव भवेत् गोपालप्रियः सर्वेश्वरो भवेत् स एव मोक्षवान्
इस प्रकार, यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की स्तुति करने का एक शक्तिशाली तरीका है। यह स्तोत्र भक्ति, ज्ञान और मोक्ष प्राप्त करने के लिए भी लाभकारी माना जाता है।
यहां स्तोत्र का हिंदी अनुवाद दिया गया है:
श्रीगोपाल सहस्रनाम स्तोत्र का अंत
इस प्रकार श्रीगोपाल सहस्रनाम स्तोत्र पूर्ण हुआ। जो इसे पढ़ता है, वह गोपाल का प्रिय होता है। वह सर्वेश्वर होता है, वह मोक्ष प्राप्त करता है।
श्रीगोपाल सहस्रनाम स्तोत्र एक भक्तिपूर्ण और प्रेरणादायक स्तोत्र है। यह स्तोत्र कृष्ण के प्रेम और करुणा को प्रकट करता है।
श्रीविष्णुतीर्थविरचितं श्रीकृष्णाष्टकम् Shri Vishnu Teertha Vir Chitam Shri Krishna Ashtakam
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