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  • Create Date October 16, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

श्रीगुरुवैयूपुरनाथपंचरात्नस्तोत्रम् एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के वैकुंठ रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र पांच रत्नों का वर्णन करता है जो भगवान कृष्ण के वैकुंठ रूप के प्रतीक हैं।

श्रीगुरुवैयूपुरनाथपंचरात्नस्तोत्रम् की रचना श्री कृष्णदास कविराज ने की थी। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण और उनके भक्तों द्वारा नियमित रूप से पढ़ा और गाया जाता है।

श्रीगुरुवैयूपुरनाथपंचरात्नस्तोत्रम् के पांच रत्न निम्नलिखित हैं:

  • कृष्ण - भगवान कृष्ण का नाम, जो उनके सभी गुणों का प्रतीक है।
  • गोपी - भगवान कृष्ण की भक्त गोपियों का समूह, जो उनकी दया और करुणा का प्रतीक है।
  • वृंदावन - भगवान कृष्ण का जन्मस्थान, जो उनकी सुंदरता और आनंद का प्रतीक है।
  • मथुरा - भगवान कृष्ण का राजधानी, जो उनकी शक्ति और महिमा का प्रतीक है।
  • यमुना - भगवान कृष्ण का प्रिय नदी, जो उनकी शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है।

श्रीगुरुवैयूपुरनाथपंचरात्नस्तोत्रम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान कृष्ण के वैकुंठ रूप की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने और मोक्ष प्राप्त करने में भी मदद कर सकता है।

श्रीगुरुवैयूपुरनाथपंचरात्नस्तोत्रम् का पाठ हिंदी में इस प्रकार है:

श्रीगुरुवैयूपुरनाथपंचरात्नस्तोत्रम्

श्लोक १

नमो नमो गुरुवैयूपुरनाथपंचरात्न, तुम हो वैकुंठ के स्वामी।

श्लोक २

तुम हो श्री कृष्ण का नाम, तुम हो सभी गुणों का प्रतीक।

श्लोक ३

तुम हो गोपी, तुम हो दया और करुणा का प्रतीक।

श्लोक ४

तुम हो वृंदावन, तुम हो सुंदरता और आनंद का प्रतीक।

श्लोक ५

तुम हो मथुरा, तुम हो शक्ति और महिमा का प्रतीक।

श्लोक ६

तुम हो यमुना, तुम हो शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक।

श्लोक ७

जो भक्त तुम्हारी शरण में आता है, उसका जीवन धन्य हो जाता है।

श्रीगुरुवैयूपुरनाथपंचरात्नस्तोत्रम् के लाभ:

  • भगवान कृष्ण के वैकुंठ रूप की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
  • आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करता है।
  • मोक्ष प्राप्त करने में मदद करता है।
  • मन को शांत और एकाग्र करने में मदद करता है।
  • नकारात्मक विचारों और भावनाओं को दूर करने में मदद करता है।

श्रीगुरुवैयूपुरनाथपंचरात्नस्तोत्रम् का पाठ करने के लिए, आप किसी भी भाषा में पाठ कर सकते हैं। आप इसे सुबह उठकर, शाम को सोने से पहले, या किसी भी अन्य समय में कर सकते हैं। आप इसे एकाग्र होकर, या मन में जप कर भी कर सकते हैं।

श्रीगुरुवैयूपुरनाथपंचरात्नस्तोत्रम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान कृष्ण के वैकुंठ रूप की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने और मोक्ष प्राप्त करने में भी मदद कर सकता है।


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