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- Create Date November 22, 2023
- Last Updated November 22, 2023
Shree Geetavali 2
श्री गीतावली 2 एक संस्कृत ग्रंथ है जो भगवान कृष्ण की स्तुति में रचित है। यह ग्रंथ 16वीं शताब्दी के भक्ति संत, सूरदास द्वारा रचित है।
श्री गीतावली 2 में कुल 250 गीतों का संग्रह है। इन गीतों में, सूरदास कृष्ण के प्रेम, करुणा और शक्ति की स्तुति करते हैं।
श्री गीतावली 2 के कुछ प्रमुख गीत निम्नलिखित हैं:
- "श्याम सुंदर श्याम सुंदर, तू ही मेरा श्याम सुंदर।"
- "कृष्ण कन्हैया नंदलाल, मोरे मन में बसे हो।"
- "मुरलीधर मधुर मुरली बजाते, गोपियाँ मदन मोहन की गाते।"
- "राधा कृष्ण की प्रेमलीला, देखो दुनिया वाले।"
श्री गीतावली 2 एक भक्तिपूर्ण और प्रेरणादायक ग्रंथ है। यह ग्रंथ कृष्ण के प्रेम और करुणा को प्रकट करता है।
श्री गीतावली 2 के कुछ प्रमुख छंद निम्नलिखित हैं:
- "श्याम सुंदर श्याम सुंदर, तू ही मेरा श्याम सुंदर।"
इस छंद में, सूरदास कृष्ण के सौंदर्य और प्रेम की स्तुति करते हैं। वे कहते हैं कि कृष्ण ही उनके दिल में बसते हैं।
Shree Geetavali 2
- "कृष्ण कन्हैया नंदलाल, मोरे मन में बसे हो।"
इस छंद में, सूरदास कृष्ण के प्रेम और करुणा की स्तुति करते हैं। वे कहते हैं कि कृष्ण उनके मन में बसते हैं और उन्हें हमेशा आनंद देते हैं।
- "मुरलीधर मधुर मुरली बजाते, गोपियाँ मदन मोहन की गाते।"
इस छंद में, सूरदास कृष्ण की लीलाओं की स्तुति करते हैं। वे कहते हैं कि कृष्ण अपनी मुरली बजाकर गोपियों को मोहित करते हैं और वे कृष्ण की स्तुति गाते हैं।
- "राधा कृष्ण की प्रेमलीला, देखो दुनिया वाले।"
इस छंद में, सूरदास कृष्ण और राधा की प्रेमलीला की स्तुति करते हैं। वे कहते हैं कि कृष्ण और राधा की प्रेमलीला दुनिया के लिए एक प्रेरणा है।
श्रीगुरुवायुपुराधीशाष्टोत्तरशतनामावलिः Sriguruvayupurapaigashtakotashanamavalih
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