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  • Create Date October 7, 2023
  • Last Updated October 7, 2023

श्रीगणेश पंचकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गणेश की स्तुति करता है। यह स्तोत्र पांच श्लोकों से बना है, जो हैं:

श्लोक 1:

मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं, कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम्। अनाशिकाशकं नमामि तं विनायकम्, दैत्यासुरनिरहनं नताधिकापदुद्धरम्।

अनुवाद:

जो हमेशा आनंदित करने वाले मोदकों को खाता है, जो हमेशा मोक्ष प्राप्त करने में मदद करता है, जो कलाकारों को मार्गदर्शन करता है, जो ब्रह्मांड की रक्षा करता है, जो सभी बाधाओं को दूर करता है, उस विनायक को मैं नमस्कार करता हूं, जो दैत्यों और असुरों को नष्ट करता है और सभी कठिनाइयों को दूर करता है।

श्लोक 2:

नतेतारत: भवभयंको नमस्ते भगवन, नतसुरारी निर्जरं नताधिकापदुद्धरम्। नमस्ते देवेशं निधिं गजेश्वरं गणेशं, नमस्ते महेशं तमाश्रये परात्परं निरंतरम्।

अनुवाद:

हे भगवान, जो सभी भय को दूर करता है, मैं आपको नमस्कार करता हूं। हे देवताओं का नाश करने वाले, हे अमर, हे सभी कठिनाइयों को दूर करने वाले, मैं आपको नमस्कार करता हूं। हे देवताओं के भगवान, हे धन के भंडार, हे गजराज, हे गणेश, हे महादेव, हे सर्वोच्च, मैं आपको निरंतर नमस्कार करता हूं।

श्लोक 3:

समस्तलोकाधिपते निरासुरकुंजरे, दैतेरारिवधं वत्सं नमस्ते विनायकम्। नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते।

अनुवाद:

हे समस्त लोकों के स्वामी, हे असुरों के कुंजर, हे दैत्यों का वध करने वाले वत्स, मैं आपको नमस्कार करता हूं। हे विनायक, मैं आपको बार-बार नमस्कार करता हूं।

श्लोक 4:

अनंगशुभाशुनाशकं नमस्ते विनायकम्, नमस्ते सुरारी निर्जरं नताधिकापदुद्धरम्। नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते।

अनुवाद:

हे विनायक, जो सभी अशुभ और बुरी चीजों को नष्ट करता है, मैं आपको नमस्कार करता हूं। हे देवताओं का नाश करने वाले, हे अमर, हे सभी कठिनाइयों को दूर करने वाले, मैं आपको बार-बार नमस्कार करता हूं।

श्लोक 5:

कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम्, अनाशिकाशकं नमामि तं विनायकम्। नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते।

अनुवाद:

जो कलाकारों को मार्गदर्शन करता है, जो ब्रह्मांड की रक्षा करता है, जो सभी बाधाओं को दूर करता है, उस विनायक को मैं बार-बार नमस्कार करता हूं।

श्रीगणेश पंचकम एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने, सभी बाधाओं को दूर करने और सभी सिद्धियों को प्राप्त करने में मदद करता है।

श्रीगणेश पंचकम का पाठ करने के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  • भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है।
  • सभी बाधाओं को दूर होता है।
  • सभी सिद्धियों को प्राप्त होता है।
  • आध्यात्मिक प्रगति होती है।
  • सफलता और खुशी प्राप्त होती है।

श्रीगणेश पंचकम को किसी भी समय और किसी भी स्थान पर पढ़ा जा सकता है। हालांकि, यह स्तोत्र सुबह के समय पढ़ना सबसे अच्छा


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