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- Create Date October 4, 2023
- Last Updated October 4, 2023
श्रीगङ्गाकवचम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो देवी गंगा की स्तुति करता है। यह स्तोत्र देवी गंगा को मोक्ष प्रदान करने वाली देवी मानता है।
श्रीगङ्गाकवचम् में 108 श्लोक हैं। स्तोत्र की शुरुआत में, साधक देवी गंगा की स्तुति करता है और उनकी कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना करता है। देवी गंगा उनकी प्रार्थना सुनती हैं और उन्हें अपनी कृपा प्रदान करती हैं। स्तोत्र में, देवी गंगा के विभिन्न रूपों का वर्णन है जो साधक को मोक्ष प्रदान करते हैं।
श्रीगङ्गाकवचम् का पाठ करने से साधक को कई लाभ होते हैं। यह स्तोत्र साधक को मोक्ष प्रदान करता है, उसे सभी प्रकार के संकटों से बचाता है, और उसे आध्यात्मिक सिद्धि प्रदान करता है।
श्रीगङ्गाकवचम् का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- सबसे पहले, एक साफ और पवित्र स्थान पर बैठें।
- फिर, एक दीपक जलाएं और देवी गंगा की पूजा करें।
- अब, श्रीगङ्गाकवचम् का पाठ करें।
- स्तोत्र का पाठ करते समय, देवी गंगा पर ध्यान केंद्रित करें।
- स्तोत्र का पाठ करने के बाद, देवी गंगा से आशीर्वाद मांगें।
श्रीगङ्गाकवचम् का पाठ करने से पहले, किसी योग्य गुरु से निर्देश लेना उचित है।
श्रीगङ्गाकवचम् के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:
- मोक्ष की प्राप्ति
- सभी प्रकार के संकटों से सुरक्षा
- आध्यात्मिक सिद्धि
- लंबी और सुखी जीवन
- धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति
- सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति
- ऋणों से मुक्ति
- भय से मुक्ति
- मनोकामनाओं की पूर्ति
श्रीगङ्गाकवचम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो साधक को देवी गंगा की रक्षा और आशीर्वाद प्रदान करता है।
श्रीगङ्गाकवचम् के कुछ संस्कृत श्लोक निम्नलिखित हैं:
श्लोक 1
नमस्ते गङ्गे देवी सर्वपापनाशिनि। सर्वसौभाग्यदायिनि सर्वविघ्ननिवारिणी।
अनुवाद
हे गंगा देवी, हे सभी पापों को नष्ट करने वाली, हे सभी सौभाग्य प्रदान करने वाली, हे सभी विघ्नों को दूर करने वाली, मैं तुम्हें प्रणाम करता हूं।
श्लोक 2
त्वं सर्वदुष्टभयनिवारिणी सर्वसम्पदादायिनि। त्वं सर्वदुःखनिवारिणी त्वं सर्वकामनापूर्तिकरी।
अनुवाद
हे देवी, तुम सभी दुष्टों के भय को दूर करने वाली हो, तुम सभी सम्पदा प्रदान करने वाली हो। तुम सभी दुःखों को दूर करने वाली हो, तुम सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली हो।
श्लोक 3
त्वं मोक्षदायिनि देवी त्वं सर्वशत्रुविनाशिनी। त्वं सर्वत्र पूजिता त्वं सर्वलोकपूजिता।
अनुवाद
हे देवी, तुम मोक्ष प्रदान करने वाली हो, तुम सभी शत्रुओं का नाश करने वाली हो। तुम सर्वत्र पूजित हो, तुम सर्वलोक पूजित हो।
श्रीगङ्गाकवचम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो साधक को देवी गंगा की रक्षा और आशीर्वाद प्रदान करता है।
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