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  • Create Date November 23, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

हाँ, श्रीकृष्ण स्तोत्रम राधाकृता है। यह स्तोत्रम भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्रम 17 श्लोकों में विभाजित है।

श्रीकृष्ण स्तोत्रम की रचना राधाजी ने की थी। राधाजी भगवान कृष्ण की प्रेमिका थीं। वे भगवान कृष्ण की परम भक्त थीं।

श्रीकृष्ण स्तोत्रम में, राधाजी भगवान कृष्ण की सुंदरता, उनकी प्रेममयी लीलाओं और उनके गुणों की प्रशंसा करती हैं। वे भगवान कृष्ण से अपने प्रेम को व्यक्त करती हैं।

श्रीकृष्ण स्तोत्रम एक अत्यंत भावपूर्ण स्तुति है। यह स्तोत्रम भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

श्रीकृष्ण स्तोत्रम का पाठ करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

Srikrishna Stotram Radhakritam

  • भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
  • भक्ति में वृद्धि होती है।
  • मन शांत और प्रसन्न होता है।
  • पापों से मुक्ति मिलती है।
  • मोक्ष की प्राप्ति होती है।

श्रीकृष्ण स्तोत्रम के कुछ श्लोकों का अर्थ निम्नलिखित है:

  • "केशव कृष्ण मधुसूदन, हरि वासुदेव गोविंद। नंदकंद आनंदकंद, मुरलीधर मधुकरन्द।"

इस श्लोक में, राधाजी भगवान कृष्ण के विभिन्न नामों का उल्लेख करती हैं। वे भगवान कृष्ण की सुंदरता और प्रेममयी लीलाओं की प्रशंसा करती हैं।

  • "प्रेममय मृदुल दृग, मधुर मधुर वचन। हरि हरि हरि जय जय, राधिका पति सुजान।"

इस श्लोक में, राधाजी भगवान कृष्ण की प्रेममयी दृष्टि और मधुर वाणी की प्रशंसा करती हैं। वे भगवान कृष्ण को अपने पति के रूप में स्वीकार करती हैं।

श्रीकृष्ण स्तोत्रम एक अत्यंत सुंदर और भावपूर्ण स्तुति है। यह स्तोत्रम भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक अमूल्य निधि है।


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