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  • Create Date November 14, 2023
  • Last Updated November 14, 2023

श्रीकृष्णाष्टकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के आठ रूपों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र विद्यापति द्वारा रचित है, जो एक विख्यात मैथिली कवि थे।

श्रीकृष्णाष्टकम में भगवान कृष्ण के आठ रूपों का वर्णन किया गया है:

shreekrshnaashtakam

  • बालकृष्ण
  • गोपाल
  • मुरारी
  • द्वारकाधीश
  • अर्जुन के गुरु
  • परम भक्त
  • मधुसूदन
  • श्यामसुंदर

श्रीकृष्णाष्टकम एक अत्यंत सुंदर और भावपूर्ण स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक अमूल्य निधि है।

श्रीकृष्णाष्टकम की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के आठ रूपों की स्तुति करता है।
  • यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के विभिन्न गुणों और कार्यों का प्रतिनिधित्व करता है।
  • यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है।
  • यह स्तोत्र विद्यापति द्वारा रचित है, जो एक विख्यात मैथिली कवि थे।

श्रीकृष्णाष्टकम एक लोकप्रिय और प्रसिद्ध स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्तोत्र है।

श्रीकृष्णाष्टकम की कुछ पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं:

श्रीकृष्णाष्टकम

बालकृष्ण गोपाल मुरारी, द्वारकाधीश अर्जुन के गुरु, परम भक्त मधुसूदन, श्यामसुंदर, तुम हो मेरे प्रभु।

तुम हो बालक रूप में अद्भुत, तुम हो गोपाल रूप में मधुर, तुम हो मुरारी रूप में भयंकर, तुम हो द्वारकाधीश रूप में वरदान देने वाले।

तुम हो अर्जुन के गुरु रूप में ज्ञानी, तुम हो परम भक्त रूप में प्रेमी, तुम हो मधुसूदन रूप में दुष्टों का नाश करने वाले, तुम हो श्यामसुंदर रूप में सबके प्रिय।

हे कृष्ण, तुम ही मेरे एकमात्र देवता हो, तुम ही मेरे एकमात्र उद्धारक हो, तुम ही मेरे एकमात्र स्वामी हो, तुम ही मेरे एकमात्र प्रिय हो।

श्रीकृष्णाष्टकम का पाठ करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र अपने भक्तों को सभी पापों से मुक्त करता है।

श्रीकृष्णाष्टकम के पाठ के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
  • यह स्तोत्र सभी पापों से मुक्त करने में मदद करता है।
  • यह स्तोत्र मन को शांत करने और शांति प्रदान करने में मदद करता है।
  • यह स्तोत्र ज्ञान और बुद्धि प्रदान करने में मदद करता है।

श्रीकृष्णाष्टकम का पाठ करने के लिए, आप इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर कर सकते हैं। आप इसे ज़ोर से या मन में पढ़ सकते हैं। आप इसे एक निश्चित संख्या में बार भी पढ़ सकते हैं, जैसे कि 108 या 1008 बार।

यदि आप भगवान कृष्ण के भक्त हैं, तो श्रीकृष्णाष्टकम का पाठ करना एक अच्छा तरीका है। यह स्तोत्र आपको भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

श्रीकृष्णाष्टकम का पाठ करने का एक तरीका निम्नलिखित है:

  1. सबसे पहले, एक शुद्ध स्थान पर बैठें।
  2. अपने हाथों को जोड़ें और भगवान कृष्ण को प्रणाम करें।
  3. श्रीकृष्णाष्टकम का पाठ शुरू करें।
  4. प्रत्येक रूप का वर्णन करते समय, भगवान कृष्ण की उस रूप की छवि अपने मन में रखें।
  5. स्तोत्र का पाठ पूरा होने पर, भगवान कृष्ण को धन्यवाद दें।

आप श्रीकृष्णाष्टकम का पाठ किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन सुबह और शाम का समय इसके लिए सबसे अच्छा माना जाता है।


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