• Version
  • Download 118
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date November 17, 2023
  • Last Updated November 17, 2023

श्रीकृष्णनामावली एक संस्कृत स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के 1000 नामों की स्तुति करता है।

श्रीकृष्णनामावली के छंद निम्नलिखित हैं:

Shri Krishnanamavali:

  1. श्रीकृष्णनामावली

  2. कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव

  3. अथ श्रीकृष्णनामावली

  4. कृष्ण कृष्ण हरे हरे कृष्णाय नमः

  5. गोविन्द गोविन्द हरे हरे गोविन्दाय नमः

  6. हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

  7. हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे

  8. मदनमोहन मनोहर कृष्णाय नमः

  9. मुरारे मुरारे मुरारे कृष्णाय नमः

  10. नारायण हरि नारायण नारायणाय नमः

श्रीकृष्णनामावली का अर्थ निम्नलिखित है:

  1. हे कृष्ण, हे गोविन्द, हे हरे, हे मुरारे, हे नाथ, हे नारायण, हे वासुदेव,

  2. अब श्रीकृष्णनामावली की शुरुआत करते हैं,

  3. कृष्ण कृष्ण हरे हरे,

  4. कृष्ण को नमस्कार है।

  5. गोविन्द गोविन्द हरे हरे,

  6. गोविन्द को नमस्कार है।

  7. हरे कृष्ण हरे कृष्ण,

  8. कृष्ण कृष्ण हरे हरे,

  9. हरे राम हरे राम,

  10. राम राम हरे हरे,

  11. मदनमोहन मनोहर,

  12. कृष्ण को नमस्कार है।

  13. मुरारे मुरारे मुरारे,

  14. कृष्ण को नमस्कार है।

  15. नारायण हरि नारायण,

  16. नारायण को नमस्कार है।

श्रीकृष्णनामावली एक बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के सभी नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है।

इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  • भगवान कृष्ण की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • भक्ति में वृद्धि होती है।
  • मन शांत और प्रसन्न होता है।
  • दुख और कष्ट दूर होते हैं।
  • सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।

श्रीकृष्णनामावली के 1000 नामों में भगवान कृष्ण की सभी लीलाओं और गुणों का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक मार्गदर्शक है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान कृष्ण के साथ जुड़ने और उनके प्रेम में डूबने में मदद करता है।


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *