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  • Create Date October 4, 2023
  • Last Updated October 4, 2023

श्रीकृष्णकवचम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की रक्षा प्रदान करता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों का वर्णन करता है जो साधक की रक्षा करते हैं।

श्रीकृष्णकवचम् में 27 श्लोक हैं। स्तोत्र की शुरुआत में, साधक भगवान कृष्ण से उनकी रक्षा करने की प्रार्थना करता है। भगवान कृष्ण उनकी प्रार्थना सुनते हैं और उन्हें अपनी रक्षा प्रदान करते हैं। स्तोत्र में, भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों का वर्णन है जो साधक की रक्षा करते हैं।

श्रीकृष्णकवचम् का पाठ करने से साधक को कई लाभ होते हैं। यह स्तोत्र साधक को सभी बुराईयों से बचाता है, उसे आध्यात्मिक सिद्धि प्रदान करता है, और उसे लंबी और सुखी जीवन देता है।

श्रीकृष्णकवचम् का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. सबसे पहले, एक साफ और पवित्र स्थान पर बैठें।
  2. फिर, एक दीपक जलाएं और भगवान कृष्ण की पूजा करें।
  3. अब, श्रीकृष्णकवचम् का पाठ करें।
  4. स्तोत्र का पाठ करते समय, भगवान कृष्ण पर ध्यान केंद्रित करें।
  5. स्तोत्र का पाठ करने के बाद, भगवान कृष्ण से आशीर्वाद मांगें।

श्रीकृष्णकवचम् का पाठ करने से पहले, किसी योग्य गुरु से निर्देश लेना उचित है।

श्रीकृष्णकवचम् के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  • सभी बुराईयों से सुरक्षा
  • आध्यात्मिक सिद्धि
  • लंबी और सुखी जीवन
  • धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति
  • सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति
  • ऋणों से मुक्ति
  • भय से मुक्ति
  • मनोकामनाओं की पूर्ति

श्रीकृष्णकवचम् का पाठ करने से साधक को आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करता है।

श्रीकृष्णकवचम् के कुछ संस्कृत श्लोक निम्नलिखित हैं:

॥ श्रीकृष्णकवचम् ॥

अथ श्रीकृष्णकवचम्।

ॐ नमो भगवते कृष्णाय।

ॐ नमो भगवते गोविंदा।

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।

ॐ नमो भगवते देवकीपुत्राय।

ॐ नमो भगवते बलदेवाय।

ॐ नमो भगवते सुभद्राय।

ॐ नमो भगवते रुक्मिणी।

ॐ नमो भगवते सर्वशक्तिमते।

ॐ नमो भगवते सर्वरक्षाकारिणे।

ॐ नमो भगवते सर्वपापनाशिने।

इस स्तोत्र का अर्थ है:

"मैं भगवान कृष्ण को प्रणाम करता हूं।

मैं भगवान कृष्ण को गोविंद कहता हूं।

मैं भगवान कृष्ण को वासुदेव कहता हूं।

मैं भगवान कृष्ण को देवकीपुत्र कहता हूं।

मैं भगवान कृष्ण को बलदेव कहता हूं।

मैं भगवान कृष्ण को सुभद्रा कहता हूं।

मैं भगवान कृष्ण को रुक्मिणी कहता हूं।

मैं भगवान कृष्ण को सर्वशक्तिमान कहता हूं।

मैं भगवान कृष्ण को सर्व प्रकार की रक्षा प्रदान करने वाला कहता हूं।

मैं भगवान कृष्ण को सभी पापों को नष्ट करने वाला कहता हूं।"

श्रीकृष्णकवचम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो साधक को भगवान कृष्ण की रक्षा प्रदान करता है।


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