• Version
  • Download 231
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date November 2, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

Srikashi Vishveshvaradistotram

श्रीकाशी विश्वेश्वरदिस्तोत्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थित लिंग की स्तुति करता है।

स्तोत्र के 10 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में एक विशेष गुण या प्रशंसा है।

श्लोक 1

नमस्ते नमस्ते काशी विश्वनाथाय शंभवे।

मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं, काशी विश्वनाथ, शंभु।

श्लोक 2

जो काशी में स्थित हो, जो विश्वेश्वर हो,

उन काशी विश्वेश्वर को मैं नमस्कार करता हूं।

श्लोक 3

जो महादेव हैं, जो महामूर्ति हैं,

उन काशी विश्वेश्वर को मैं नमस्कार करता हूं।

श्लोक 4

जो त्रिलोचन हैं, जो त्रिदंडधारी हैं,

उन काशी विश्वेश्वर को मैं नमस्कार करता हूं।

श्लोक 5

जो गौरीशंकर हैं, जो पार्वतीनाथ हैं,

उन काशी विश्वेश्वर को मैं नमस्कार करता हूं।

श्लोक 6

जो नंदीश्वर हैं, जो भक्तवत्सल हैं,

उन काशी विश्वेश्वर को मैं नमस्कार करता हूं।

श्लोक 7

जो शंभो हैं, जो शंकर हैं, जो शिव हैं,

उन काशी विश्वेश्वर को मैं नमस्कार करता हूं।

श्लोक 8

जो त्रिपुरारी हैं, जो महाकाल हैं,

उन काशी विश्वेश्वर को मैं नमस्कार करता हूं।

श्लोक 9

जो नमस्कार करने योग्य हैं, जो ध्यान करने योग्य हैं,

उन काशी विश्वेश्वर को मैं नमस्कार करता हूं।

श्लोक 10

जो सभी दुखों को दूर करते हैं,

जो सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं,

उन काशी विश्वेश्वर को मैं नमस्कार करता हूं।

श्रीकाशी विश्वेश्वरदिस्तोत्रम एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। यह स्तोत्र ध्यान और साधना के लिए भी उपयोग किया जाता है।

यहां स्तोत्र का एक हिंदी अनुवाद दिया गया है:

श्रीकाशी विश्वेश्वरदिस्तोत्रम

भगवान शिव की स्तुति

मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं, काशी विश्वनाथ, शंभु।

जो काशी में स्थित हो, जो विश्वेश्वर हो,मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं।

जो महादेव हैं, जो महामूर्ति हैं,मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं।

जो त्रिलोचन हैं, जो त्रिदंडधारी हैं,मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं।

जो गौरीशंकर हैं, जो पार्वतीनाथ हैं,मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं।

जो नंदीश्वर हैं, जो भक्तवत्सल हैं,मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं।

जो शंभो हैं, जो शंकर हैं, जो शिव हैं,मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं।

जो त्रिपुरारी हैं, जो महाकाल हैं,मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं।

जो नमस्कार करने योग्य हैं, जो ध्यान करने योग्य हैं,मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं।

जो सभी दुखों को दूर करते हैं,जो सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं,मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं।

Srikashi Vishveshvaradistotram


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *