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- Create Date October 4, 2023
- Last Updated July 29, 2024
श्री अंजनेय सहस्रनाम स्तोत्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र 1000 श्लोकों का है, और प्रत्येक श्लोक भगवान हनुमान के एक अलग गुण या विशेषता की स्तुति करता है।
श्लोक का प्रारंभिक भाग भगवान हनुमान को "अंजनेय" कहकर उनकी पहचान करता है, जो "अंजना के पुत्र" का अर्थ है। फिर, श्लोक भगवान हनुमान के पांच रूपों की स्तुति करता है, जो हैं:
- हनुमान: भगवान हनुमान का मूल रूप, जो वायु के पुत्र हैं।
- नृसिंह: भगवान विष्णु का एक अवतार, जो एक शेर और एक आदमी के रूप में है।
- गरुड़: भगवान विष्णु का वाहन, जो एक पक्षी है।
- वराह: भगवान विष्णु का एक अवतार, जो एक सूअर के रूप में है।
- हयग्रीव: भगवान विष्णु का एक अवतार, जो एक घोड़े के सिर वाला है।
श्लोक का अंत भगवान हनुमान से प्रार्थना के साथ होता है कि वे भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से बचाएं।
श्री अंजनेय सहस्रनाम स्तोत्रम एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है। यह स्तोत्र भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से बचाता है और उन्हें जीवन में सफलता और उन्नति प्राप्त करने में मदद करता है।
श्री अंजनेय सहस्रनाम स्तोत्रम का हिंदी अनुवाद
1.
अंजनेय, वायुपुत्र, रामभक्त, बलवान, शत्रुओं के नाशकर्ता, सभी को सुख देने वाले।
2.
हनुमान, रुद्रावतार, वज्रबाहु, ज्ञानी, सभी संकटों को दूर करने वाले, भक्तों के रक्षक।
3.
नृसिंह, गरुड़, वराह, हयग्रीव, सभी रूपों में, हनुमान, तुम ही सर्वस्व हो, तुम पर ही मेरा विश्वास है।
4.
मैं तुम्हारी शरण में हूं, तुम मुझे सभी संकटों से बचाओ, मुझे सभी सिद्धियों और शक्तियों से संपन्न करो, और मुझे सभी सुख और शांति प्रदान करो।
श्री अंजनेय सहस्रनाम स्तोत्रम के लाभ
श्री अंजनेय सहस्रनाम स्तोत्रम का पाठ करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:
- भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है।
- जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
- कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।
यदि आप भगवान हनुमान की भक्ति करना चाहते हैं, तो आप श्री अंजनेय सहस्रनाम स्तोत्रम का पाठ कर सकते हैं। यह एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
श्री अंजनेय सहस्रनाम स्तोत्रम का पाठ करने का तरीका
- एक साफ और शांत स्थान पर बैठें।
- अपने सामने एक भगवान हनुमान की तस्वीर या प्रतिमा रखें।
- अपने हाथों को जोड़ें और भगवान हनुमान से प्रार्थना करें।
- स्तोत्र का पाठ करें, ध्यान से प्रत्येक शब्द का उच्चारण करें।
- स्तोत्र को कम से कम एक बार करें।
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