• Version
  • Download 463
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date October 7, 2023
  • Last Updated October 7, 2023

श्रीअष्टलक्ष्मीस्तुतिः एक संस्कृत स्तोत्र है जो आठ प्रकार की लक्ष्मी की स्तुति करता है। ये आठ प्रकार की लक्ष्मी हैं:

  • आद्य लक्ष्मी: आदि शक्ति, जो ब्रह्मांड की मूल शक्ति हैं।
  • धन लक्ष्मी: धन और समृद्धि की देवी।
  • धान्य लक्ष्मी: अन्न और फसलों की देवी।
  • गज लक्ष्मी: शक्ति और समृद्धि की देवी।
  • संतान लक्ष्मी: संतान और परिवार की देवी।
  • वीर्य लक्ष्मी: साहस और पराक्रम की देवी।
  • ज्ञान लक्ष्मी: ज्ञान और बुद्धि की देवी।
  • विद्या लक्ष्मी: शिक्षा और कलाओं की देवी।

श्रीअष्टलक्ष्मीस्तुतिः एक शक्तिशाली स्तोत्र है जिसका पाठ करने से सभी प्रकार की धन-संपदा, समृद्धि, और सफलता प्राप्त होती है। यह स्तोत्र हिंदू धर्म में बहुत लोकप्रिय है और इसे अक्सर पूजा और अनुष्ठानों में पढ़ा जाता है।

श्रीअष्टलक्ष्मीस्तुतिः की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार हैं:

आद्य लक्ष्मी परिपालय मां,
धन लक्ष्मी सदा वस मां।
धान्य लक्ष्मी सुख दे मां,
गज लक्ष्मी भव भव जय मां।
संतान लक्ष्मी सुंदर रूप,
वीर्य लक्ष्मी वीरता दे।
ज्ञान लक्ष्मी विद्या दे,
विद्या लक्ष्मी सुख दे।

इस स्तोत्र में, भक्त आठ प्रकार की लक्ष्मी से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें सभी प्रकार की भौतिक और आध्यात्मिक उपलब्धियों से आशीर्वाद दें।

श्रीअष्टलक्ष्मीस्तुतिः का पाठ करने का सबसे अच्छा समय सुबह उठकर या रात को सोने से पहले होता है। इस स्तोत्र को पढ़ने के लिए कोई विशेष विधि नहीं है, लेकिन इसे ध्यानपूर्वक और श्रद्धापूर्वक पढ़ना चाहिए।


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *