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  • Create Date October 7, 2023
  • Last Updated October 7, 2023

श्रीअष्टलक्ष्मीमन्त्रसिद्धिविधानम् Sriashtalakshmimantrasiddhividhanam

श्‍री अष्टलक्ष्मी मंत्रसिद्धि विधि एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा भक्त देवी लक्ष्मी के आठ रूपों की पूजा और मंत्र जाप करके धन, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। यह विधि वैष्णव, शैव और शाक्त सभी परंपराओं में प्रचलित है।

श्री अष्टलक्ष्मी मंत्र

श्री अष्टलक्ष्मी मंत्र निम्नलिखित है:

ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौं ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौं सरस्वती लक्ष्मी महालक्ष्मी त्रिपुर सुंदरी भगवती पद्मावती सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुते

श्री अष्टलक्ष्मी मंत्र सिद्धि विधि

श्री अष्टलक्ष्मी मंत्र सिद्धि विधि निम्नलिखित है:

  1. शुद्धिकरण

सबसे पहले साधक को शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध होना चाहिए। इसके लिए वह स्नान करके साफ कपड़े पहन सकता है। इसके बाद वह किसी पवित्र स्थान पर बैठकर ध्यान कर सकता है।

  1. साधना स्थान

साधना स्थान को साफ-सुथरा और पवित्र होना चाहिए। साधक को वहां एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखनी चाहिए।

  1. साधना सामग्री

साधना सामग्री में निम्नलिखित वस्तुएं शामिल हैं:

  • देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर
  • लाल कपड़ा
  • धूप, दीप, फूल, माला, अक्षत, नैवेद्य आदि
  • श्री अष्टलक्ष्मी मंत्र का पुस्तक या पाठ
  • एक माला
  1. साधना विधि

साधना विधि निम्नलिखित है:

  • साधक को सुबह या शाम के समय किसी शांत स्थान पर बैठकर ध्यान करना चाहिए।
  • ध्यान के बाद वह देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठ जाए।
  • अब वह श्री अष्टलक्ष्मी मंत्र का जाप करना शुरू करे।
  • मंत्र जाप को कम से कम 108 बार करना चाहिए।
  • साधना के दौरान साधक को पूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ मंत्र जाप करना चाहिए।

श्री अष्टलक्ष्मी मंत्र सिद्धि के लाभ

श्री अष्टलक्ष्मी मंत्र सिद्धि के निम्नलिखित लाभ हैं:

  • धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
  • सभी प्रकार के कष्टों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
  • जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

सावधानियां

श्री अष्टलक्ष्मी मंत्र सिद्धि विधि करते समय निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • साधना को नियमित रूप से करना चाहिए।
  • मंत्र जाप के दौरान किसी भी प्रकार की अशुद्धता से बचना चाहिए।
  • साधना के दौरान मन को एकाग्र रखना चाहिए।

उपसंहार

श्री अष्टलक्ष्मी मंत्र सिद्धि एक शक्तिशाली विधि है जो भक्तों को धन, समृद्धि और सौभाग्य प्रदान कर सकती है। इस विधि को करने से पहले किसी अनुभवी गुरु से मार्गदर्शन लेना चाहिए।

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