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- Create Date November 2, 2023
- Last Updated July 29, 2024
Shivashtottarshatanamastotram
शिवष्टोत्तरशतनामास्तोत्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के 108 नामों का उच्चारण करता है।
स्तोत्र के 108 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में एक नाम है।
श्लोक 1
नमस्ते रुद्राय वृषारुढाय शूलपाणये।
नमस्ते नीलकंठाय शशिशेखराय धूम्रकेतु।
अर्थ:
मैं रुद्र को, वृषभ पर सवार, शूलधारी को नमस्कार करता हूं।
मैं नीलकंठ, शशिशेखर, धूम्रकेतु को नमस्कार करता हूं।
श्लोक 2
नमस्ते विश्वनाथाय नमस्ते शंभवाय।
नमस्ते महेश्वराय नमस्ते त्रिपुरारी।
अर्थ:
मैं विश्वनाथ, शंभु, महेश्वर, त्रिपुरारी को नमस्कार करता हूं।
श्लोक 3
नमस्ते कपिलाग्निरुद्राय नमस्ते षण्मुखाय।
नमस्ते सप्तविंशतिरुद्राय नमस्ते वायवे।
अर्थ:
मैं कपिलाग्निरुद्र, षण्मुख, सप्तविंशतिरुद्र, वायव को नमस्कार करता हूं।
श्लोक 108
नमस्ते क्षोभिताय नमस्ते शांताय च।
नमस्ते सर्वदेवात्मकाय नमस्ते सर्वभूतात्मने।
अर्थ:
मैं क्षोभित, शांत, सर्वदेवात्मक, सर्वभूतात्मन को नमस्कार करता हूं।
शिवष्टोत्तरशतनामास्तोत्रम एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। यह स्तोत्र ध्यान और साधना के लिए भी उपयोग किया जाता है।
यहां स्तोत्र का एक हिंदी अनुवाद दिया गया है:
शिवष्टोत्तरशतनामास्तोत्रम
भगवान शिव की स्तुति
मैं रुद्र को, वृषभ पर सवार, शूलधारी को नमस्कार करता हूं।
मैं नीलकंठ, शशिशेखर, धूम्रकेतु को नमस्कार करता हूं।
मैं विश्वनाथ, शंभु, महेश्वर, त्रिपुरारी को नमस्कार करता हूं।
मैं कपिलाग्निरुद्र, षण्मुख, सप्तविंशतिरुद्र, वायव को नमस्कार करता हूं।
मैं क्षोभित, शांत, सर्वदेवात्मक, सर्वभूतात्मन को नमस्कार करता हूं।
श्लोक 1 से 108 तक, भक्त भगवान शिव के विभिन्न नामों का उच्चारण करता है। प्रत्येक नाम भगवान शिव के एक विशेष गुण या पहलू का प्रतिनिधित्व करता है।
भक्त यह विश्वास करता है कि भगवान शिव के इन नामों का उच्चारण करने से उन्हें भगवान शिव की कृपा प्राप्त होगी और उन्हें आशीर्वाद मिलेगा।
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