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- Create Date November 6, 2023
- Last Updated July 29, 2024
Shivastotram vishnukrtan
शिवस्तोत्र भगवान विष्णु द्वारा रचित नहीं है। शिवस्तोत्र का रचनाकार अज्ञात है, लेकिन यह माना जाता है कि इसे एक महान भक्त ने लिखा था। शिवस्तोत्र में भगवान शिव की स्तुति की गई है। यह स्तोत्र 12 छंदों में लिखा गया है, और प्रत्येक छंद में शिव के एक विशेष गुण या विशेषता का वर्णन किया गया है।
शिवस्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। यह स्तोत्र भक्तों को शिव के दिव्य गुणों और शक्तियों को याद रखने और उनकी भक्ति में प्रेरित करने में मदद करता है।
यहां शिवस्तोत्र के कुछ महत्वपूर्ण छंद दिए गए हैं:
- पहला छंद:
हे शिव, आप सभी देवताओं के स्वामी हैं। आप समस्त ब्रह्मांड के निर्माता और पालनहार हैं।
- दूसरा छंद:
आपके पास तीन नेत्र हैं, जो त्रिगुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। आपके त्रिशूल में तीन लोकों का प्रतिनिधित्व है।
- तीसरा छंद:
आपके गले में नीले रंग का विष है, जो आपके दयालु और करुणामय स्वभाव का प्रतीक है।
- चौथा छंद:
आपके बालों में गंगा नदी है, जो आपके पवित्र स्वभाव का प्रतीक है।
Shivastotram vishnukrtan
- पांचवां छंद:
आपके पास वृषभ वाहन है, जो आपकी शक्ति और स्थिरता का प्रतीक है।
- छठा छंद:
आप सभी प्राणियों के रक्षक हैं। आप उन्हें सभी कष्टों से बचाते हैं।
- सातवां छंद:
आप सभी भक्तों के लिए अनुग्रहकारी हैं। आप उन्हें उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
- आठवां छंद:
आप सभी जीवों को मोक्ष प्रदान करते हैं। आप उन्हें जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त करते हैं।
शिवस्तोत्र एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को शिव के दिव्य गुणों और शक्तियों को याद रखने और उनकी भक्ति में प्रेरित करने में मदद करता है।
शिवाष्टनामानि Shivashtanamani
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