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- Create Date November 22, 2023
- Last Updated November 22, 2023
Shivgyanbodh:
शिवज्ञानबोध एक संस्कृत ग्रन्थ है जो शिव भगवान के ज्ञान और दर्शन का वर्णन करता है। यह ग्रन्थ 13वीं शताब्दी के कश्मीरी शैव दार्शनिक अभिनवगुप्त द्वारा रचित है।
शिवज्ञानबोध ग्रन्थ में शिव भगवान को ही परम सत्य और ब्रह्मांड का स्रोत माना गया है। ग्रन्थ के अनुसार, शिव भगवान ही ज्ञान और दर्शन के मूल हैं।
शिवज्ञानबोध ग्रन्थ में शिव भगवान के कई रूपों का वर्णन किया गया है। इनमें शिव भगवान के निराकार, साकार और अर्धनारीश्वर रूप शामिल हैं।
शिवज्ञानबोध ग्रन्थ में शिव भगवान के योग और ध्यान के सिद्धांतों का भी वर्णन किया गया है। ग्रन्थ के अनुसार, योग और ध्यान के माध्यम से शिव भगवान की प्राप्ति की जा सकती है।
शिवज्ञानबोध ग्रन्थ हिंदू धर्म के शैव दर्शन का एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। यह ग्रन्थ शिव भगवान के ज्ञान और दर्शन को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
Shivgyanbodh:
शिवज्ञानबोध ग्रन्थ के कुछ प्रमुख विषयों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- शिव भगवान का स्वरूप और गुण
- शिव भगवान के रूप और नाम
- शिव भगवान के योग और ध्यान के सिद्धांत
- शिव भगवान की प्राप्ति के मार्ग
शिवज्ञानबोध ग्रन्थ को तीन भागों में विभाजित किया गया है:
- प्रथम भाग में शिव भगवान के स्वरूप और गुणों का वर्णन किया गया है।
- द्वितीय भाग में शिव भगवान के रूप और नामों का वर्णन किया गया है।
- तृतीय भाग में शिव भगवान के योग और ध्यान के सिद्धांतों का वर्णन किया गया है।
शिवज्ञानबोध ग्रन्थ एक जटिल और गहन ग्रन्थ है। इसे समझने के लिए योग्य गुरु की सहायता की आवश्यकता होती है।
शिवपञ्चनामानि Shiv Panchnamani
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