• Version
  • Download 147
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date November 22, 2023
  • Last Updated November 22, 2023

Shabarpragaadvarnanangiti:

शबरप्रगटवर्णनगीति एक संस्कृत स्तोत्र है जो शिव भगवान के शबर रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 13वीं शताब्दी के कश्मीरी शैव दार्शनिक अभिनवगुप्त द्वारा रचित है।

शबरप्रगटवर्णनगीति में शिव भगवान के शबर रूप का वर्णन किया गया है। यह रूप शिव भगवान का एक अत्यंत भयंकर और शक्तिशाली रूप है।

शबरप्रगटवर्णनगीति के कुछ प्रमुख श्लोक निम्नलिखित हैं:

उत्पन्नोऽभवत् शबरः

वज्रखड्गधरोऽतिभीषणः

वस्त्रं व्याघ्रचर्मं धृत्वा

मुण्डमालां कृतवस्त्रः

अर्थ

शबर रूप में प्रकट हुए

वज्र और खड्ग धारण किए हुए अत्यंत भयानक

व्याघ्रचर्म का वस्त्र धारण किए हुए

मुंडमाल पहने हुए

Shabarpragaadvarnanangiti

शबरप्रगटवर्णनगीति का पाठ करने से शिव भगवान के शबर रूप की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र मन को शांत करता है और आध्यात्मिक विकास में मदद करता है।

शबरप्रगटवर्णनगीति के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह मन को शांत करता है और चिंता, तनाव और भय को दूर करता है।
  • यह आत्मज्ञान और आध्यात्मिक विकास में मदद करता है।
  • यह धन, समृद्धि और सफलता को आकर्षित करता है।
  • यह रोगों से बचाता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

शबरप्रगटवर्णनगीति का पाठ किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना चाहिए कि इसका पाठ करते समय मन को एकाग्र और शुद्ध रखना चाहिए।

शबरप्रगटवर्णनगीति का एक अन्य अर्थ यह भी है कि यह स्तोत्र शिव भगवान की शक्ति और महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र मन को शक्ति और साहस प्रदान करता है।

शबरप्रगटवर्णनगीति के कुछ प्रमुख भाव निम्नलिखित हैं:

  • शिव भगवान की शक्ति और महिमा
  • मन की एकाग्रता और शुद्धता
  • आत्मज्ञान और आध्यात्मिक विकास
  • धन, समृद्धि और सफलता
  • रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य

शम्भुस्तोत्रम् Shambhu Stotram


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *