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- Create Date November 16, 2023
- Last Updated July 29, 2024
Vishnornamashtakstotran Srivamanpurane
विष्णोर्नामाष्टकस्तोत्रम् एक प्राचीन स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है। प्रत्येक श्लोक में भगवान विष्णु के एक विशेष नाम का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका है।
विष्णोर्नामाष्टकस्तोत्रम् के रचयिता अज्ञात हैं। यह स्तोत्र श्रीमद्भागवत पुराण में मिलता है।
विष्णोर्नामाष्टकस्तोत्रम् के कुछ प्रमुख श्लोक और उनके अर्थ निम्नलिखित हैं:
पहला श्लोक
ओम नमो भगवते वासुदेवाय
अर्थ:
हे वासुदेव! मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं।
दूसरा श्लोक
नारायणाय नमो नमः
अर्थ:
हे नारायण! मैं तुम्हें बार-बार नमस्कार करता हूं।
तीसरा श्लोक
कृष्णाय नमो नमः
अर्थ:
हे कृष्ण! मैं तुम्हें बार-बार नमस्कार करता हूं।
चौथा श्लोक
गोविंदाय नमो नमः
अर्थ:
हे गोविंद! मैं तुम्हें बार-बार नमस्कार करता हूं।
Vishnornamashtakstotran Srivamanpurane
पांचवां श्लोक
मदनगोपालाय नमो नमः
अर्थ:
हे मदनगोपाल! मैं तुम्हें बार-बार नमस्कार करता हूं।
छठा श्लोक
त्रिविक्रमाय नमो नमः
अर्थ:
हे त्रिविक्रम! मैं तुम्हें बार-बार नमस्कार करता हूं।
सातवां श्लोक
वराहरूपाय नमो नमः
अर्थ:
हे वराहरूप! मैं तुम्हें बार-बार नमस्कार करता हूं।
आठवां श्लोक
नृसिंहरूपाय नमो नमः
अर्थ:
हे नृसिंहरूप! मैं तुम्हें बार-बार नमस्कार करता हूं।
विष्णोर्नामाष्टकस्तोत्रम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र नियमित रूप से पढ़ने से भक्तों को शांति, ज्ञान और मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
विष्णोर्नामाष्टकस्तोत्रम् के कुछ अन्य महत्वपूर्ण पहलू निम्नलिखित हैं:
- यह स्तोत्र भगवान विष्णु के 8 विशेष रूपों की स्तुति में रचित है।
- यह स्तोत्र भगवान विष्णु की महिमा और शक्ति का वर्णन करता है।
- यह स्तोत्र भगवान विष्णु के भक्तों को प्रेरित करता है।
विष्णोर्नामाष्टकस्तोत्रम् एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के भक्तों के लिए बहुत मूल्यवान है।
वेदैः कृतं शिवस्तोत्रम् Vedaih krtan shivastotram
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