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- Create Date October 9, 2023
- Last Updated July 29, 2024
राधा स्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो राधा जी की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की पत्नी और उनके प्रेम की देवी राधा जी की महिमा का वर्णन करता है।
राधा स्तोत्र के कई संस्करण हैं, लेकिन सभी संस्करणों में राधा जी की सुंदरता, उनकी भक्ति और उनके प्रेम की शक्ति की प्रशंसा की जाती है।
राधा स्तोत्र का पाठ करने से राधा जी की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो राधा जी के भक्त हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं।
राधा स्तोत्र के कुछ संस्करणों में निम्नलिखित श्लोक शामिल हैं:
श्लोक 1
जय जय श्रीराधिका, जय जय श्रीकृष्णप्रिया। श्यामावर्णा, मधुरभाषिणी, रासक्रीड़ाप्रिया।
अर्थ: जय जय श्रीराधिका, जय जय श्रीकृष्णप्रिया। श्यामवर्ण वाली, मधुरभाषी, रासक्रीड़ाप्रिया।
श्लोक 2
कृष्णप्रिया, गोपियों की रानी, ब्रज की शोभा। मुरलीधर के प्रिय, प्रेम की देवी।
अर्थ: कृष्णप्रिया, गोपियों की रानी, ब्रज की शोभा। मुरलीधर के प्रिय, प्रेम की देवी।
श्लोक 3
भक्तों की रक्षा करने वाली, सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली। राधा जी, आप ही हमारी एक मात्र आशा हैं।
अर्थ: भक्तों की रक्षा करने वाली, सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली। राधा जी, आप ही हमारी एक मात्र आशा हैं।
राधा स्तोत्र का पाठ करने का सबसे अच्छा समय सुबह जल्दी या शाम को है। स्तोत्र का पाठ करने से पहले, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। स्तोत्र का पाठ करने के दौरान, अपने मन को शांत रखें और राधा जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखें।
राधा स्तोत्र एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो राधा जी की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यदि आप राधा जी के भक्त हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो राधा स्तोत्र का पाठ करें।
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