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  • Create Date October 3, 2023
  • Last Updated October 3, 2023

मारुति कवच एक शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान हनुमान की रक्षा प्रदान करता है। यह मार्कण्डेय पुराण में वर्णित है, और इसे ब्रह्मा जी ने ऋषि मार्कण्डेय को दिया था।

मारुति कवच की शुरुआत भगवान हनुमान के नामों के उच्चारण से होती है। फिर, भगवान के विभिन्न रूपों का वर्णन किया जाता है, और उनकी रक्षा के बारे में बताया जाता है।

मारुति कवच का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है।
  • सभी प्रकार के भय और खतरों से सुरक्षा प्राप्त होती है।
  • रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
  • सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

मारुति कवच का पाठ करने के लिए किसी विशेष समय या स्थान की आवश्यकता नहीं होती है। इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है।

मारुति कवच का पाठ करने की विधि निम्नलिखित है:

  1. सबसे पहले, एक स्वच्छ स्थान पर बैठें और अपने सामने एक दीपक जलाएं।
  2. फिर, भगवान हनुमान के नामों का उच्चारण करें।
  3. अब, भगवान के विभिन्न रूपों का वर्णन करते हुए कवच का पाठ करें।
  4. अंत में, भगवान हनुमान से अपनी रक्षा करने की प्रार्थना करें।

मारुति कवच का पाठ करने से सभी प्रकार के भय और खतरों से सुरक्षा प्राप्त होती है। यह एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।

मारुति कवच के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

  • भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है।
  • सभी प्रकार के भय और खतरों से सुरक्षा प्राप्त होती है।
  • रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
  • सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

मारुति कवच का पाठ करने से पहले किसी योग्य पंडित से सलाह लेना उचित है।

मारुति कवच का पाठ करने के लिए निम्नलिखित मंत्र का उपयोग किया जाता है:

ॐ नमो भगवते
श्रीमारुतिभगवते
नमः

नमस्ते श्रीरामरूपाय
नमस्ते लक्ष्मणरूपाय
नमस्ते सीतारूपाय
नमस्ते अग्निरूपाय

नमस्ते वायुरूपाय
नमस्ते जलरूपाय
नमस्ते पृथ्वीरूपाय
नमस्ते आकाशरूपाय

नमस्ते सर्वगुणसंपन्नाय
नमस्ते सर्वशक्तिमताये
नमस्ते सर्वरक्षाकारकाय
नमस्ते सर्वसिद्धिप्रदायकाय

यं कवचं पठेत्
सर्वार्थसिद्धिं लभते
सर्वदुष्टभयं नाशयति
सर्वरोगभयं नाशयति
सर्वशत्रुभयं नाशयति

॥ इति श्रीमारुति कवचम् ॥

इस मंत्र का अर्थ है:

  • हे भगवान हनुमान,

  • मैं तुम्हें नमन करता हूं।

  • हे श्रीराम रूप,

  • हे लक्ष्मण रूप,

  • हे सीता रूप,

  • हे अग्नि रूप,

  • हे वायु रूप,

  • हे जल रूप,

  • हे पृथ्वी रूप,

  • हे आकाश रूप,

  • हे सर्वगुण संपन्न,

  • हे सर्वशक्तिमान,

  • हे सर्वरक्षाकारक,

  • हे सर्वसिद्धि प्रदाता,

  • जो इस कवच का पाठ करता है,

  • वह सभी प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त करता है,

  • सभी दुष्ट भय को नष्ट करता है,

  • सभी रोगों के भय को नष्ट करता है,

  • और सभी शत्रुओं के भय को नष्ट करता है।

इस कवच का पाठ नियमित रूप से करने से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार के भय और खतरों से सुरक्षा प्राप्त होती है


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