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  • Create Date October 6, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

मंदाकिनीशैलश्वरस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो हिंदू भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के मंदाकिनीशैलश्वर रूप की स्तुति करता है, जो हिमालय में स्थित एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है।

स्तोत्र के कुछ प्रमुख पहलू इस प्रकार हैं:

  • स्तोत्र की शुरुआत में, भक्त भगवान शिव का ध्यान करते हैं।
  • स्तोत्र के शेष श्लोकों में, भक्त भगवान शिव की महिमा और शक्ति की प्रशंसा करते हैं।
  • स्तोत्र के अंत में, भक्त भगवान शिव से अपने जीवन में आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।

मंदाकिनीशैलश्वरस्तोत्रम् के पाठ से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह स्तोत्र भक्तों को भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है।
  • यह स्तोत्र भक्तों को जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
  • यह स्तोत्र भक्तों को सभी बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
  • यह स्तोत्र भक्तों को मोक्ष प्राप्त करने में मदद करता है।

मंदाकिनीशैलश्वरस्तोत्रम् को पढ़ने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जा सकती है:

  1. एकांत स्थान में एक स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं।
  2. भगवान शिव का ध्यान करें।
  3. स्तोत्र का पाठ करें।
  4. स्तोत्र के अंत में, भगवान शिव से प्रार्थना करें।

मंदाकिनीशैलश्वरस्तोत्रम् के कुछ प्रमुख श्लोक इस प्रकार हैं:

  • प्रथम श्लोक:

नमस्ते हे मंदाकिनीशैलश्वर, हे हिमालय के राजा। आप सभी देवताओं के स्वामी हैं, और आप सभी भक्तों के लिए एक आश्रय हैं।

  • द्वितीय श्लोक:

आपके दर्शन से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, और सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। आप सभी भक्तों के लिए एक वरदान हैं, और आप सभी के लिए एक मार्गदर्शक हैं।

  • अंतिम श्लोक:

हे मंदाकिनीशैलश्वर, मुझे आपकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हों। मेरे सभी दुखों को दूर करें, और मुझे मोक्ष दें।

मंदाकिनीशैलश्वरस्तोत्रम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यदि आप भगवान शिव की भक्त हैं, तो यह स्तोत्र पढ़ना एक अच्छा तरीका है।


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