• Version
  • Download 107
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date November 7, 2023
  • Last Updated November 7, 2023

Mahadevstuti

महादेवस्तुति भगवान शिव की स्तुति है। यह एक प्रकार की भक्ति कविता है जो भगवान शिव की महिमा का गुणगान करती है। महादेवस्तुति में भगवान शिव को विभिन्न रूपों और नामों में संबोधित किया जाता है। उन्हें "शंभु", "महादेव", "नीलकंठ", "गंगाधर", "भूतनाथ", "महाकाल", "शिवलिंग", आदि नामों से पुकारा जाता है।

महादेवस्तुति में भगवान शिव की शक्ति, दया, और करुणा की भी प्रशंसा की जाती है। उन्हें संसार का सृजनकर्ता, पालनकर्ता, और संहारकर्ता कहा जाता है। उन्हें सभी दुखों और कष्टों का हरण करने वाला बताया जाता है।

महादेवस्तुति हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठ है। इसे अक्सर भगवान शिव की पूजा के दौरान पढ़ा जाता है। महादेवस्तुति के पाठ से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है।

यहां कुछ प्रसिद्ध महादेवस्तुति हैं:

  • रुद्राष्टकम - यह भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध स्तुति है। इसे ऋषि ऋग्वेद में उद्धृत किया गया है।
  • शिव तांडव स्तोत्र - यह भगवान शिव के तांडव रूप की स्तुति है। इसे रावण ने रचा था।
  • शिव स्तुति - यह भगवान शिव की एक छोटी सी स्तुति है जो अक्सर सोमवार के दिन पढ़ी जाती है।

महादेवस्तुति के कुछ उदाहरण यहां दिए गए हैं:

  • रुद्राष्टकम

पहला श्लोक:

पशूनां पतिं पापनाशं परेशं गजेन्द्रस्य कृत्तिं वसानं वरेण्यम। जटाजूटमध्ये स्फुरद्गाङ्गवारिं महादेवमेकं स्मरामि स्मरारिम।

अर्थ:

मैं गजेंद्र के कृत्ति को धारण करने वाले, पापों को नष्ट करने वाले, पशुओं के स्वामी, श्रेष्ठ, और जटाजूट के बीच में गंगा नदी के प्रवाह को चमकाने वाले एकमात्र महादेव को स्मरण करता हूं।

Mahadevstuti

  • शिव तांडव स्तोत्र

पहला श्लोक:

नमस्ते रुद्राय नीलकंठाय शूलपाणये। अखंडं जगत् स्थितं त्रिनेत्राय नमस्ते।

अर्थ:

नीले कंठ वाले, त्रिशूलधारी, और अखंड ब्रह्मांड को धारण करने वाले रुद्र को मेरा नमस्कार।

  • शिव स्तुति

पहला श्लोक:

ओम नमः शिवाय। अर्थ:

मैं शिव को नमस्कार करता हूं।

महादेवस्तुति भगवान शिव की भक्ति के लिए एक शक्तिशाली माध्यम है। यह भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाने में मदद कर सकता है।

महामृत्युञ्जयध्यानम् Mahamrityunjayadhyanam


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *