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- Create Date November 19, 2023
- Last Updated July 29, 2024
Bhaktasharanstotram
भक्तशरणस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के भक्तों की रक्षा और मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के भक्तों के लिए एक शक्तिशाली साधन है।
भक्तशरणस्तोत्रम् की रचना ऋषि मार्कंडेय ने की थी। यह स्तोत्र पद्मपुराण के उत्तरखण्ड में मिलता है।
भक्तशरणस्तोत्रम् का पाठ इस प्रकार है:
**भक्तशरणं त्वं शिव भवान्
सर्वपापहरं सर्वज्ञम्।
सर्वलोकनाथं सर्वगुणोपेतम्
सर्वभूतहिताय शरणं प्रपद्ये।।**
**त्वमेव ज्ञाता त्वमेव कर्ता
त्वमेव त्वं भक्तानां शरणम्।
त्वमेव ज्ञाता त्वमेव कर्ता
त्वमेव त्वं भक्तानां शरणम्।।**
**त्वमेव ज्ञाता त्वमेव कर्ता
त्वमेव त्वं भक्तानां शरणम्।
त्वमेव ज्ञाता त्वमेव कर्ता
त्वमेव त्वं भक्तानां शरणम्।।**
भक्तशरणस्तोत्रम् का अर्थ है:
Bhaktasharanstotram
"हे भगवान शिव, आप भक्तों की रक्षा करने वाले हैं, आप सभी पापों का नाश करने वाले हैं, आप सर्वज्ञ हैं। आप तीनों लोकों के नाथ हैं, आप सभी गुणों से युक्त हैं, आप समस्त प्राणियों के कल्याण के लिए हैं। मैं आपकी शरण में आता हूं।"
"आप ही भक्तों के ज्ञाता हैं, आप ही भक्तों के कर्ता हैं, आप ही भक्तों की शरण हैं। आप ही भक्तों के ज्ञाता हैं, आप ही भक्तों के कर्ता हैं, आप ही भक्तों की शरण हैं।"
"आप ही भक्तों के ज्ञाता हैं, आप ही भक्तों के कर्ता हैं, आप ही भक्तों की शरण हैं। आप ही भक्तों के ज्ञाता हैं, आप ही भक्तों के कर्ता हैं, आप ही भक्तों की शरण हैं।"
भक्तशरणस्तोत्रम् का जाप करने से कई लाभ हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सभी प्रकार के भय और परेशानियों से मुक्ति
- सभी प्रकार के पापों से मुक्ति
- भगवान शिव की कृपा प्राप्ति
- मोक्ष की प्राप्ति
भक्तशरणस्तोत्रम् का जाप करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- स्तोत्र का जाप एक पवित्र स्थान पर करें।
- स्तोत्र का जाप करते समय शुद्ध रहें।
- स्तोत्र का जाप एकाग्रचित होकर करें।
भक्तशरणस्तोत्रम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो सभी भक्तों के लिए लाभदायक है।
भजामि शैलसुतारमणम् Bhajaami Shailsutharamanam
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