• Version
  • Download 4533
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date October 11, 2023
  • Last Updated October 11, 2023

ब्रह्मकृत श्रीरामस्तुतिः

श्लोक १

को वा ज्ञातुं त्वामतिमानं गतमानं माया सक्तो माधव शक्तो मुनिमान्यम्, वृन्दारण्ये वन्दितवृन्दारकवृन्दं वन्दे रामं भवमुखवन्द्यं सुखकन्दम्.

अर्थ:

हे भगवान राम, आप अतिमान हैं, आप माया को जीत चुके हैं, आप माधव हैं, और आप मुनियों द्वारा पूजित हैं। आप वृन्दावन में वन्दित वृन्दारकवृन्द के द्वारा भी वन्दित हैं। आप भवमुखवन्द्य हैं, अर्थात् आप उन लोगों के द्वारा पूजित हैं जो जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होना चाहते हैं। आप सुखकन्द हैं, अर्थात् आप सुख के दाता हैं।

श्लोक २

नानाशास्त्रैर्वेदकदम्बैः प्रतिपाद्यं नित्यानन्दं निर्विषयज्ञानमनादिम्, मत्सेवार्थं मानुषभावं प्रतिपन्नं वन्दे रामं मरकतवर्णं मथुरेशम्.

अर्थ:

आप विभिन्न शास्त्रों और वेदों द्वारा प्रतिपादित हैं। आप नित्य आनंद, निर्विषय ज्ञान और अनादि हैं। आप अपने भक्तों की सेवा के लिए मानव रूप में अवतरित हुए हैं। आप मरकतवर्ण हैं, अर्थात् आपका रंग मोर के पंखों के समान सुंदर है। आप मथुरा के स्वामी हैं।

श्लोक ३

श्रद्धायुक्तो यः पठतीमं स्तवमाद्यं ब्राह्मं ब्रह्मज्ञानविधानं भुवि मर्त्यः, रामं श्यामं कामितकामप्रदमीशं ध्यात्वा पातकजालैर्विगतः स्यात्.

अर्थ:

जो मनुष्य श्रद्धापूर्वक इस प्रथम ब्रह्मस्वरूप स्तवन का पाठ करता है, वह श्याम वर्ण वाले भगवान राम का ध्यान करता है, जो मनोवांछित फल देने वाले हैं। वह पातकजालों से मुक्त हो जाता है।

अवश्यक निर्देश:

  • इस स्तोत्र का पाठ नित्य प्रातःकाल किया जाना चाहिए।
  • पाठ करते समय श्रद्धा और भक्तिपूर्वक ध्यान करना चाहिए।
  • यदि संभव हो तो, इस स्तोत्र का पाठ एक पवित्र स्थान पर करना चाहिए, जैसे कि मंदिर या आश्रम।

फायदे:

  • इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है।
  • यह स्तोत्र मनुष्य को पापों से मुक्त करने में मदद करता है।
  • यह स्तोत्र मनुष्य को मोक्ष प्राप्ति में सहायता करता है।

निष्कर्ष:

ब्रह्मकृत श्रीरामस्तुति एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान राम की महिमा और गुणों का वर्णन करता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य को भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है और वह पापों से मुक्त हो जाता है।


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *