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- Create Date October 9, 2023
- Last Updated October 9, 2023
बाणप्रार्थित गाणपत्यत्वप्राप्तिवर्णनम् Baanprarthit gaanpatyatvapraptivarannam
बाणप्रार्थित गणपतित्वप्राप्तिर्णाम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान गणेश की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में रचित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान गणेश के एक अलग गुण या विशेषता की स्तुति की गई है।
बाणप्रार्थित गणपतित्वप्राप्तिर्णाम की रचना भक्त कवि श्रीधराचार्य ने की थी। श्रीधराचार्य एक महान भक्त थे, और उन्होंने भगवान गणेश की भक्ति में कई स्तोत्र और भजन लिखे हैं।
बाणप्रार्थित गणपतित्वप्राप्तिर्णाम का पाठ निम्नलिखित है:
श्रीगणेशाय नमः।
- गणपतिं वन्दे विघ्ननाशं विनायकं।
भावार्थ:
मैं उस गणपति की वंदना करता हूं, जो विघ्नों का नाश करने वाले और विनायक हैं।
- एकदन्तं चतुर्हस्तं लम्बोदरं सुखप्रदम्।
भावार्थ:
मैं उस एकदन्त, चतुर्हस्त, लंबोदर, और सुखप्रद की वंदना करता हूं।
- वक्रतुण्डं महाकायं सुरपूज्यं सर्वविघ्नहरम्।
भावार्थ:
मैं उस वक्रतुण्ड, महाकाय, सुरपूज्य, और सर्वविघ्नहर की वंदना करता हूं।
- पद्मनाभं कमलासनस्थं वक्रतुण्डं देवदत्तम्।
भावार्थ:
मैं उस पद्मनाभ, कमलासनस्थ, वक्रतुण्ड, और देवदत्त की वंदना करता हूं।
- ध्वजादित्यं गणपतिं सर्वार्थसाधिकं नमाम्यहम्।
भावार्थ:
मैं उस ध्वजादित्य, गणपति, और सर्वार्थसाधिक की वंदना करता हूं।
- बाणप्रार्थितं गणपतिं त्वं भव मामिका।
भावार्थ:
हे बाणप्रार्थित गणपति, तुम मेरी इच्छाओं को पूर्ण करने वाले बनो।
- नमो भवतां पादुकाभ्यां नमो भवतां वदनं।
भावार्थ:
मैं तुम्हारे पादुकाओं को प्रणाम करता हूं, मैं तुम्हारे मुख को प्रणाम करता हूं।
- नमो भवतां हस्तयोः नमो भवतां भुजाभ्याम्।
भावार्थ:
मैं तुम्हारे हाथों को प्रणाम करता हूं, मैं तुम्हारी भुजाओं को प्रणाम करता हूं।
- नमो भवतां उदरस्य नमो भवतां कर्णयोः।
भावार्थ:
मैं तुम्हारे उदर को प्रणाम करता हूं, मैं तुम्हारे कानों को प्रणाम करता हूं।
- नमो भवतां नाभ्यः नमो भवतां गुह्याय।
भावार्थ:
मैं तुम्हारी नाभि को प्रणाम करता हूं, मैं तुम्हारी गुह्य को प्रणाम करता हूं।
बाणप्रार्थित गणपतित्वप्राप्तिर्णाम एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों स्तरों पर सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
बाणप्रार्थित गणपतित्वप्राप्तिर्णाम को पढ़ने या गाने के लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:
- स्तोत्र को धीरे-धीरे और ध्यान से पढ़ना या गाना चाहिए।
- स्तोत्र को पढ़ते या गाते समय, भक्त को भगवान गणेश की छवि या मूर्ति के सामने बैठना चाहिए और उनकी स्तुति करनी चाहिए।
**बाणप्रार्थित ग