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  • Create Date October 24, 2023
  • Last Updated October 24, 2023

पुष्टिमार्गलक्षणानि वेदान्त के एक सम्प्रदाय के लक्षण हैं। इस सम्प्रदाय के संस्थापक संत श्रीवल्लभाचार्य थे। पुष्टिमार्ग का अर्थ है "प्रेम का मार्ग"। इस सम्प्रदाय में भगवान कृष्ण को ही परमेश्वर माना जाता है। भगवान कृष्ण को प्रेम और करुणा के अवतार के रूप में देखा जाता है।

पुष्टिमार्गलक्षणानि निम्नलिखित हैं:

  • कृष्ण को ही परमेश्वर मानना।
  • भगवान कृष्ण की प्रेमपूर्ण भक्ति करना।
  • भगवान कृष्ण के नाम, रूप, लीला और गुणों का ध्यान करना।
  • भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए भजन, कीर्तन, व्रत और उपवास करना।
  • भगवान कृष्ण के भक्तों के साथ मिलकर कृष्ण भक्ति करना।
  • पुष्टिमार्गलक्षणानि pushtimaargalakshanaani

पुष्टिमार्गलक्षणानि के अनुसार, भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त को निम्नलिखित गुणों को विकसित करना चाहिए:

  • श्रद्धा: भगवान कृष्ण के प्रति पूर्ण विश्वास होना चाहिए।
  • भक्ति: भगवान कृष्ण के प्रति प्रेम और समर्पण होना चाहिए।
  • आस्था: भगवान कृष्ण की कृपा पर विश्वास होना चाहिए।
  • सच्चाई: भगवान कृष्ण के प्रति सच्चाई और निष्ठा होनी चाहिए।
  • त्याग: भगवान कृष्ण की भक्ति के लिए सांसारिक सुखों का त्याग करना चाहिए।

पुष्टिमार्गलक्षणानि एक आध्यात्मिक मार्ग है, जो भक्त को भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने और आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने में मदद करता है।


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