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  • Create Date October 25, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

नवरात्र स्तोत्रम, जिसे हिंदी में "नौ देवियों की स्तुति" भी कहा जाता है, एक संस्कृत स्तोत्र है जो नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 40 श्लोकों में देवी के विभिन्न नामों और गुणों का वर्णन करता है।

नवरात्र स्तोत्रम की रचना 14वीं शताब्दी में हुई थी। इसका रचनाकार अज्ञात है, लेकिन यह माना जाता है कि यह स्तोत्र एक वैष्णव भक्त ने रचा था।

नवरात्र स्तोत्रम एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठ है जो नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की भक्ति को बढ़ावा देता है। यह स्तोत्र भक्तों को देवी के प्रति प्रेम और श्रद्धा विकसित करने में मदद करता है।

नवरात्र स्तोत्रम के कुछ प्रमुख विषय निम्नलिखित हैं:

  • देवी दुर्गा की विशिष्टता: स्तोत्र देवी दुर्गा को एक विशिष्ट व्यक्ति के रूप में चित्रित करता है जो सभी शक्तियों की देवी है।
  • देवी दुर्गा की भक्ति: स्तोत्र देवी दुर्गा की भक्ति को बढ़ावा देता है। यह स्तोत्र भक्तों को देवी के प्रति प्रेम और श्रद्धा विकसित करने में मदद करता है।
  • देवी दुर्गा का प्रभाव: स्तोत्र देवी दुर्गा के जीवन और कार्यों के प्रभाव को दर्शाता है।

नवरात्र स्तोत्रम एक शक्तिशाली धार्मिक पाठ है जो भक्तों को देवी दुर्गा के प्रति प्रेम और श्रद्धा विकसित करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच लोकप्रिय है और इसे अक्सर नवरात्रि के दौरान भक्ति अनुष्ठानों में गाया जाता है।

नवरात्र स्तोत्रम के कुछ प्रसिद्ध श्लोक निम्नलिखित हैं:

  • श्लोक 1:

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

अनुवाद:

जो देवी सभी प्राणियों में शक्ति के रूप में स्थित हैं, उनको मैं नमस्कार करता हूं। उनको मैं नमस्कार करता हूं, उनको मैं नमस्कार करता हूं, उनको मैं बार-बार नमस्कार करता हूं।

  • श्लोक 2:

सरस्वती विद्यादायिनी, महालक्ष्मी धनदायिनी। सरस्वती विद्यादायिनी, महालक्ष्मी धनदायिनी।

अनुवाद:

सरस्वती विद्या देने वाली हैं, और महालक्ष्मी धन देने वाली हैं।

  • श्लोक 3:

चंद्रघंटा त्रिनेत्रा, त्रिशूलधारिणी देवी। चंद्रघंटा त्रिनेत्रा, त्रिशूलधारिणी देवी।

अनुवाद:

चंद्रघंटा तीन आंखों वाली हैं, और त्रिशूलधारी हैं।

नवरात्र स्तोत्रम एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठ है जो नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की भक्ति को बढ़ावा देता है। यह स्तोत्र भक्तों को देवी के प्रति प्रेम और श्रद्धा विकसित करने में मदद करता है।

नवरत्नस्तोत्रम् Navaratnastotram


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