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  • Create Date October 30, 2023
  • Last Updated October 30, 2023

नंदीघोषरथ एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है "नंदी के रथ पर सवार।" यह शब्द आमतौर पर भगवान शिव को संदर्भित करता है, जो अपने वाहन, नंदी, पर सवार रहते हैं।

नंदी एक बैल का रूप है जो भगवान शिव का परम भक्त है। वह हमेशा भगवान शिव के साथ रहते हैं और उनकी सेवा करते हैं। नंदी को भगवान शिव के रथ पर सवार होने की छवि अक्सर हिंदू कला और मूर्तिकला में देखी जाती है।

नंदीघोषरथ शब्द का उपयोग भगवान शिव की शक्ति और दया का वर्णन करने के लिए भी किया जाता है। नंदी को शक्ति और दया का प्रतीक माना जाता है, और भगवान शिव को नंदी के रूप में देखा जाता है जो इन गुणों को दर्शाता है।

नंदीघोषरथ शब्द का एक उदाहरण निम्नलिखित है:

नंदीघोषरथः शिवः सर्वत्र समाविष्टः।

अर्थ:

नंदी के रथ पर सवार भगवान शिव सभी जगह व्याप्त हैं।

इस वाक्यांश का अर्थ है कि भगवान शिव हर जगह मौजूद हैं, उनकी शक्ति और दया से भरी हुई हैं।

नंदीघोषरथ शब्द एक शक्तिशाली और भावपूर्ण शब्द है जो भगवान शिव की महिमा और महानता को प्रकट करता है।

nandighosharathah


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