- Version
- Download 793
- File Size 0.00 KB
- File Count 1
- Create Date October 6, 2023
- Last Updated October 6, 2023
दुर्गा पंचरत्नम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो हिंदू देवी दुर्गा की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 5 श्लोकों में बांटा गया है, प्रत्येक श्लोक देवी दुर्गा के एक अलग पहलू की प्रशंसा करता है।
दुर्गा पंचरत्नम् की रचना 19वीं शताब्दी में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य, चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती ने की थी। स्तोत्र की शुरुआत में, भक्त ध्यान से देवी दुर्गा की छवि को अपने मन में लाते हैं। फिर, वे देवी को उनकी सभी शक्तियों और गुणों के लिए प्रणाम करते हैं।
दुर्गा पंचरत्नम् के 5 श्लोक इस प्रकार हैं:
1. श्लोक
ते ध्यानयोगानुगत अपश्यन् त्वामेव देवीं स्वगुणैर्निगूढाम् । त्वमेव शक्तिः परमेश्वरस्य मां पाहि सर्वेश्वरि मोक्षदात्रि ॥
अनुवाद
ध्यानयोग में रत भक्तों ने जब आपके दिव्य गुणों को देखा, तो वे समझ गए कि आप ही देवी हैं। आप ही परमेश्वर की शक्ति हैं। हे सर्वेश्वरी, मोक्षदात्री, मुझे बचाओ।
2. श्लोक
देवात्म शक्तिः श्रुतिवाक्य गीता महर्षिलोकस्य पुरः प्रसन्ना । गुहा परम व्योम सद प्रतिष्ठा मां पाहि सर्वेश्वरि मोक्षदात्रि ॥
अनुवाद
वेदों, उपनिषदों और भगवद गीता में आप ही देवताओं की शक्ति के रूप में वर्णित हैं। आप महर्षियों के बीच प्रसन्नता के साथ विराजमान हैं। आप गुफा और आकाश के समान स्थिर हैं। हे सर्वेश्वरी, मोक्षदात्री, मुझे बचाओ।
3. श्लोक
परास्य शक्तिः विविधैव श्रूयसे श्वेताश्ववाक्योदितदेवि दुर्गे । स्वाभाविकी ज्ञानबलक्रिया ते मां पाहि सर्वेश्वरि मोक्षदात्रि ॥
अनुवाद
आपके परम शक्ति के बारे में अनेक कथाएं सुनी जाती हैं। आप श्वेताश्वतराश्व के वचन से जानी जाती हैं। आपका ज्ञान, शक्ति और कर्म स्वाभाविक हैं। हे सर्वेश्वरी, मोक्षदात्री, मुझे बचाओ।
4. श्लोक
देवात्मशब्देन शिवात्मभूता यत्कूर्मवायव्यवचोविवृत्या त्वं पाशविच्छेदकरी प्रसिद्धा मां पाहि सर्वेश्वरि मोक्षदात्रि ॥
अनुवाद
आप देवताओं की आत्मा हैं और शिव की आत्मा से उत्पन्न हुई हैं। आपने कूर्म अवतार में वायु के वचन से ब्रह्मांड का निर्माण किया। आप पाशों को काटने वाली प्रसिद्ध हैं। हे सर्वेश्वरी, मोक्षदात्री, मुझे बचाओ।
5. श्लोक
त्वं ब्रह्मपुच्छा विविधा मयूरी ब्रह्मप्रतिष्ठास्युपदिष्टगीता । ज्ञानस्वरूपात्मतयाखिलानां मां पाहि सर्वेश्वरि मोक्षदात्रि ॥
अनुवाद
आप ब्रह्म के प्रश्नों का उत्तर देने वाली मयूरी हैं। आपने ब्रह्म को ज्ञान का उपदेश दिया। आप ज्ञानस्वरूपा हैं और समस्त प्राणियों की आत्मा हैं। हे सर्वेश्वरी, मोक्षदात्री, मुझे बचाओ।
दुर्गा पंचरत्नम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र भक्तों को आध्यात्मिक विकास और मोक्ष प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।
Download