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  • Create Date October 3, 2023
  • Last Updated October 3, 2023

दुर्गासूक्तम् Durgasuktam

दुर्गासूक्तम् एक वैदिक भजन है जो देवी दुर्गा की स्तुति करता है। यह सूक्त महानारायण उपनिषद में पाया जाता है। दुर्गासूक्तम् सात श्लोकों का एक छोटा सूक्त है, लेकिन यह बहुत शक्तिशाली माना जाता है।

दुर्गासूक्तम् के पाठ से भक्तों को कई लाभ मिल सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
  • सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
  • आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है।

दुर्गासूक्तम् का पाठ करने से पहले, यह महत्वपूर्ण है कि भक्त संस्कृत का ज्ञान हो। भक्त को सूक्त का सही अर्थ और उद्देश्य समझना चाहिए।

दुर्गासूक्तम् का पाठ करने के लिए, भक्त को एकांत स्थान में बैठना चाहिए और अपने सामने देवी दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा रखनी चाहिए। फिर, भक्त को सूक्त को ध्यान से और भक्ति के साथ पढ़ना चाहिए।

दुर्गासूक्तम् के कुछ महत्वपूर्ण श्लोक निम्नलिखित हैं:

  • "जा॒तवे॑दसे सुनवाम॒ सोम॑ मरातीय॒तो निद॑हाति॒ वेदः॑ । स नः॑ पर्-ष॒दति॑ दु॒र्गाणि॒ विश्वा॑ ना॒वेव॒ सिन्धुं॑ दुरि॒ताऽत्य॒ग्निः ॥" - इस श्लोक में, ऋषि देवी दुर्गा को अग्नि के रूप में वर्णित करते हैं, जो सभी बाधाओं को दूर करती हैं।
  • "ताम॒ग्निव॑र्णां तप॑सा ज्वलं॒तीं वै॑रोच॒नीं क॑र्मफ॒लेषु॒ जुष्टा᳚म् । दु॒र्गां दे॒वीग्ं शर॑णम॒हं प्रप॑द्ये सु॒तर॑सि तरसे॑ नमः॑ ॥" - इस श्लोक में, भक्त देवी दुर्गा की शरण में जाते हैं और उनसे अपने जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के लिए प्रार्थना करते हैं।
  • "ॐ का॒त्या॒य॒नाय॑ वि॒द्महे॑ कन्यकु॒मारि॑ धीमहि । तन्नो॑ दुर्गिः प्रचो॒दया᳚त् ॥" - इस श्लोक में, भक्त देवी दुर्गा के नामों का जाप करते हैं और उनसे अपने जीवन में प्रकाश और ज्ञान फैलाने के लिए प्रार्थना करते हैं।

दुर्गासूक्तम् एक शक्तिशाली सूक्त है जो भक्तों को देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह सूक्त सभी के लिए उपयोगी है, चाहे उनकी कोई भी धार्मिक पृष्ठभूमि हो।

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