- Version
- Download 580
- File Size 0.00 KB
- File Count 1
- Create Date October 8, 2023
- Last Updated October 8, 2023
दक्षिणकृत शिवस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र दक्ष प्रजापति द्वारा रचित है। दक्ष प्रजापति भगवान शिव के पिता थे।
दक्षिणकृत शिवस्तुति 10 श्लोकों का है। प्रत्येक श्लोक में, भगवान शिव की एक विशेषता का वर्णन किया गया है। स्तोत्र की शुरुआत भगवान शिव के नमस्कार के साथ होती है। इसके बाद, प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव की एक विशेषता का वर्णन किया गया है। स्तोत्र के अंत में, भगवान शिव से प्रार्थना की जाती है कि वह भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाएं।
दक्षिणकृत शिवस्तुति के 10 श्लोक इस प्रकार हैं:
1. नमस्ते रुद्राय नमस्ते शंभवे।
अर्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे रुद्र! मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे शंभु!
2. नमस्ते नीलकंठाय नमस्ते त्र्यंबकाय।
अर्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे नीलकंठ! मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे त्र्यंबक!
3. नमस्ते चंद्रशेखराय नमस्ते महाकालाय।
अर्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे चंद्रशेखर! मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे महाकाल!
4. नमस्ते सदाशिवाय नमस्ते अघोराय।
अर्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे सदाशिव! मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे अघोर!
5. नमस्ते वासुदेवाय नमस्ते जनार्दनाय।
अर्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे वासुदेव! मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे जनार्दन!
6. नमस्ते गोविंदाय नमस्ते माधवाय।
अर्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे गोविंद! मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे माधव!
7. नमस्ते कृष्णाय नमस्ते केशवाय।
अर्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे कृष्ण! मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे केशव!
8. नमस्ते हरये नमस्ते विष्णवे।
अर्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे हरि! मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे विष्णु!
9. नमस्ते सर्वदेवानां नमस्ते सर्वलोकानां।
अर्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे सभी देवताओं के! मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे सभी लोकों के!
10. नमस्ते सर्वभूतेभ्यो नमस्ते सर्वधातुषु।
अर्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे सभी प्राणियों के! मैं आपको नमस्कार करता हूं, हे सभी धातुओं के!
दक्षिणकृत शिवस्तुति का महत्व:
दक्षिणकृत शिवस्तुति एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है। इस स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
दक्षिणकृत शिवस्तुति का कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:
- यह स्तोत्र भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है।
- यह स्तोत्र 10 श्लोकों का है।
- इसमें भगवान शिव के सभी प्रमुख नामों और विशेषताओं का वर्णन किया गया है।
- यह स्तोत्र सभी भक्तों के लिए पढ़ने योग्य है।
Download