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  • Create Date November 10, 2023
  • Last Updated November 10, 2023

Tanjapurishastutih

तंजावुरीशस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के तंजावुर रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र श्री श्रीधर वेंकटेश द्वारा रचित है।

तंजावुर भगवान शिव का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो तमिलनाडु राज्य में स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव की एक सुंदर प्रतिमा है। यह प्रतिमा तंजावुर शिव के नाम से प्रसिद्ध है।

स्तोत्र का हिंदी अनुवाद:

श्लोक 1

स्तोत्रकार कहते हैं, "मैं तंजावुर शिव की स्तुति करता हूं। वे शिव के एक महत्वपूर्ण रूप हैं।"

श्लोक 2

"हे तंजावुर शिव, तुम एक सुंदर प्रतिमा में विराजमान हो। तुम्हारी प्रतिमा बहुत ही आकर्षक है।"

श्लोक 3

"हे तंजावुर शिव, तुम सर्वशक्तिमान हो। तुम सभी प्रकार की शक्तियों से संपन्न हो।"

श्लोक 4

"हे तंजावुर शिव, तुम सर्वव्यापी हो। तुम सर्वत्र व्याप्त हो।"

श्लोक 5

Tanjapurishastutih

"हे तंजावुर शिव, तुम सर्वज्ञ हो। तुम सब कुछ जानते हो।"

श्लोक 6

"हे तंजावुर शिव, तुम सर्वकल्याणकारी हो। तुम सभी प्रकार की सुखों का प्रदान करने वाले हो।"

श्लोक 7

"हे तंजावुर शिव, तुम सर्वरक्षक हो। तुम सभी प्राणियों की रक्षा करने वाले हो।"

श्लोक 8

"हे तंजावुर शिव, तुम सर्वशत्रुविनाशक हो। तुम सभी दुष्टों का नाश करने वाले हो।"

श्लोक 9

"हे तंजावुर शिव, तुम मोक्षप्रद हो। तुम सभी प्राणियों को मोक्ष प्रदान करने वाले हो।"

श्लोक 10

"हे तंजावुर शिव, मैं तुम्हारी भक्ति करता हूं। मैं तुम्हारी कृपा प्राप्त करना चाहता हूं।"

कुछ विशेष टिप्पणियां:

  • तंजावुरीशस्तुति एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठ है जो भगवान शिव के तंजावुर रूप की महिमा और शक्ति को दर्शाता है।
  • यह स्तोत्र तंजावुर शिव के भक्तों के बीच लोकप्रिय है और इसका पाठ अक्सर मंदिरों और घरों में किया जाता है।
  • स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सकती है।

तंजावुर शिव भगवान शिव के एक महत्वपूर्ण रूप हैं। वे तंजावुर मंदिर में विराजमान हैं। यह रूप भगवान शिव की शक्ति और महिमा को दर्शाता है। यह रूप भक्तों को प्रेरणा देता है और उन्हें भगवान शिव की भक्ति करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

त्रिमूर्तिस्तुतिः Trimurti Stuti:


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