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- Create Date October 10, 2023
- Last Updated July 29, 2024
ज्ञानप्रसूनमबास्तोत्रम् के 10 श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक में देवी पार्वती के ज्ञान और ज्ञान के गुणों का वर्णन किया गया है।
ज्ञानप्रसूनमबास्तोत्रम् का पहला श्लोक इस प्रकार है:
नमस्ते ज्ञानप्रसूनमबे, भवानी, गौरी, भवानी।
इस श्लोक में, श्रीपदाचार्य देवी पार्वती को नमस्कार करते हैं और उन्हें "ज्ञान का जन्मदाता" कहते हैं।
ज्ञानप्रसूनमबास्तोत्रम् के 10 श्लोकों का अर्थ है:
- श्लोक 1: देवी पार्वती को नमस्कार।
- श्लोक 2: देवी पार्वती को ज्ञान की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
- श्लोक 3: देवी पार्वती को ज्ञान और विज्ञान की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
- श्लोक 4: देवी पार्वती को बुद्धि और विवेक की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
- श्लोक 5: देवी पार्वती को ज्ञान और आध्यात्मिकता की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
- श्लोक 6: देवी पार्वती को ज्ञान और भक्ति की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
- श्लोक 7: देवी पार्वती को ज्ञान और सफलता की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
- श्लोक 8: देवी पार्वती को ज्ञान और मोक्ष की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
- श्लोक 9: देवी पार्वती की पूजा और आराधना का महत्व।
- श्लोक 10: देवी पार्वती की कृपा से प्राप्त होने वाले लाभ।
ज्ञानप्रसूनमबास्तोत्रम् एक शक्तिशाली भक्ति भजन है जो भक्तों के दिलों में देवी पार्वती के लिए प्रेम और भक्ति को जगा सकता है। यह भजन देवी पार्वती की महिमा और गुणों को दर्शाता है।
ज्ञानप्रसूनमबास्तोत्रम् के 10 श्लोकों का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:
- हे देवी पार्वती, आपको नमस्कार।
- आप ज्ञान की देवी हैं।
- आप ज्ञान और विज्ञान की देवी हैं।
- आप बुद्धि और विवेक की देवी हैं।
- आप ज्ञान और आध्यात्मिकता की देवी हैं।
- आप ज्ञान और भक्ति की देवी हैं।
- आप ज्ञान और सफलता की देवी हैं।
- आप ज्ञान और मोक्ष की देवी हैं।
- आपकी पूजा और आराधना करना सभी के लिए लाभदायक है।
- आपकी कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
ज्ञानप्रसूनमबास्तोत्रम् एक लोकप्रिय स्तोत्र है जिसे अक्सर पूजा और अनुष्ठानों के दौरान पढ़ा जाता है। यह भजन भक्तों को देवी पार्वती की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन में आध्यात्मिक और भौतिक दोनों तरह से सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
यहां ज्ञानप्रसूनमबास्तोत्रम् का एक उदाहरण है:
नमस्ते ज्ञानप्रसूनमबे, भवानी, गौरी, भवानी।
इस श्लोक का अर्थ है:
हे देवी पार्वती, आपको नमस्कार।
यह श्लोक देवी पार्वती को नमस्कार करता है और उन्हें "ज्ञान का जन्मदाता" कहते हैं।
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