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  • Create Date October 10, 2023
  • Last Updated July 29, 2024
गौरीअष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो देवी पार्वती के 108 नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 12वीं शताब्दी के कवि और संत, श्रीपदाचार्य द्वारा लिखा गया था।

गौरीअष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् के 108 नामों का अर्थ है:

  1. अम्बा: माता
  2. भवानी: ब्रह्मांड की रचना और पालन-पोषण करने वाली देवी
  3. गौरी: सफेद त्वचा वाली देवी
  4. काली: अंधेरे की देवी
  5. चामुंडा: हिंसा और विनाश की देवी
  6. विंध्यवासिनी: विंध्य पर्वतों में रहने वाली देवी
  7. पर्वतराजसुता: पर्वतराज हिमालय की पुत्री
  8. दक्षप्रजापतिसुता: दक्ष प्रजापति की पुत्री
  9. शिवप्रिया: भगवान शिव की पत्नी
  10. गृहिणी: एक आदर्श गृहिणी

गौरीअष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् एक शक्तिशाली भक्ति भजन है जो भक्तों के दिलों में देवी पार्वती के लिए प्रेम और भक्ति को जगा सकता है। यह भजन देवी पार्वती की महिमा और गुणों को दर्शाता है।

गौरीअष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् के 108 नामों का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:

  1. माता
  2. ब्रह्मांड की रचना और पालन-पोषण करने वाली देवी
  3. सफेद त्वचा वाली देवी
  4. अंधेरे की देवी
  5. हिंसा और विनाश की देवी
  6. विंध्य पर्वतों में रहने वाली देवी
  7. पर्वतराज हिमालय की पुत्री
  8. दक्ष प्रजापति की पुत्री
  9. भगवान शिव की पत्नी
  10. एक आदर्श गृहिणी

गौरीअष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् एक लोकप्रिय स्तोत्र है जिसे अक्सर पूजा और अनुष्ठानों के दौरान पढ़ा जाता है। यह भजन भक्तों को देवी पार्वती की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन में आध्यात्मिक और भौतिक दोनों तरह से सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

यहां गौरीअष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् का एक उदाहरण है:

नमस्ते अम्बे, नमस्ते भवानी, नमस्ते गौरी, नमस्ते काली। नमस्ते चामुंडे, नमस्ते विंध्यवासिनी, नमस्ते पर्वतराजसुता, नमस्ते दक्षप्रजापतिसुता।

इस श्लोक का अर्थ है:

हे देवी पार्वती, आपको नमस्कार।

यह श्लोक देवी पार्वती के पहले चार नामों का नमस्कार करता है।


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