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- Create Date October 25, 2023
- Last Updated October 25, 2023
गोपालशतकम् एक धार्मिक स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 15वीं शताब्दी के वैष्णव संत वल्लभाचार्य द्वारा रचित है।
स्तोत्र में, वल्लभाचार्य भगवान कृष्ण के गोपाल रूप की महिमा का वर्णन करते हैं। वे भगवान कृष्ण को गोपियों का प्रियतम कहते हैं, और वे भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हैं।
यहाँ गोपालशतकम् का हिंदी अनुवाद दिया गया है:
श्लोक 1:
हे गोपाल! आप गोपियों के प्रियतम हैं। आप गोकुल में गोपियों के साथ अपनी लीलाओं से सभी को आनंदित करते हैं।
श्लोक 2:
हे गोपाल! आपके रूप अत्यंत सुंदर हैं। आपके दर्शन से सभी जीव मोहित हो जाते हैं।
श्लोक 3:
हे गोपाल! आप अत्यंत दयालु हैं। आप सभी जीवों पर कृपा करते हैं।
श्लोक 4:
हे गोपाल! मैं आपका अनन्य भक्त हूं। मैं आपके चरणों में अपना जीवन समर्पित करता हूं।
गोपालशतकम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के गोपाल रूप की महिमा का वर्णन करता है, और यह भगवान कृष्ण से प्रार्थना करता है कि वे भक्तों को मोक्ष प्रदान करें।
यहाँ गोपालशतकम् के श्लोकों का एक-एक करके वर्णन दिया गया है:
श्लोक 1:
इस श्लोक में, वल्लभाचार्य भगवान कृष्ण को गोपियों का प्रियतम कहते हैं। वे कहते हैं कि भगवान कृष्ण गोकुल में गोपियों के साथ अपनी लीलाओं से सभी को आनंदित करते हैं।
श्लोक 2:
इस श्लोक में, वल्लभाचार्य भगवान कृष्ण के रूप की सुंदरता का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि भगवान कृष्ण के दर्शन से सभी जीव मोहित हो जाते हैं।
श्लोक 3:
इस श्लोक में, वल्लभाचार्य भगवान कृष्ण की दयालुता और कृपा का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि भगवान कृष्ण अत्यंत दयालु हैं, और वे सभी जीवों पर कृपा करते हैं।
श्लोक 4:
इस श्लोक में, वल्लभाचार्य भगवान कृष्ण के चरणों में अपना समर्पण व्यक्त करते हैं। वे कहते हैं कि वे भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त हैं, और वे भगवान कृष्ण की कृपा से मोक्ष प्राप्त करना चाहते हैं।
गोपालशतकम् एक लोकप्रिय स्तोत्र है, और इसे अक्सर भक्ति गीतों और भजनों में गाया जाता है। यह स्तोत्र हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
यहाँ गोपालशतकम् के श्लोकों का एक और अनुवाद दिया गया है:
श्लोक 1:
हे गोपाल! आप गोपियों के पति हैं, और आप गोकुल में उनकी देखभाल करते हैं। आपके दर्शन से सभी जीव आनंदित हो जाते हैं।
श्लोक 2:
हे गोपाल! आपके रूप अत्यंत सुंदर हैं, और आपके दर्शन से सभी जीव मोहित हो जाते हैं। आपके चरणों में सभी जीवों की भक्ति है।
श्लोक 3:
हे गोपाल! आप अत्यंत दयालु हैं, और आप सभी जीवों पर कृपा करते हैं। आप सभी जीवों के पालनहार हैं, और आप सभी जीवों को मोक्ष प्रदान करते हैं।
श्लोक 4:
हे गोपाल! मैं आपका अनन्य भक्त हूं। मैं आपके चरणों में अपना जीवन समर्पित करता हूं। कृपया मुझे अपने चरणों में स्थान दें, और मुझे मोक्ष प्रदान करें।
गोपालशतकम् को अक्सर कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पढ़ा जाता है। यह एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने और मोक्ष प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
गोपालशतकम् Gopalashatkam
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